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कौन है पूर्व एंकर हेमंत घई? जो अब SEBI के निशाने पर...स्टोरी में समझें अवैध कमाई का पूरा खेल

हेमंत घई, पूर्व सीएनबीसी आवाज़ एंकर, अब SEBI के निशाने पर हैं. जांच में पाया गया कि उन्होंने अपने शो में जिन शेयरों की सिफारिश की, उनकी पत्नी और मां पहले से निवेश कर चुकी थीं. जब शेयरों की कीमतें बढ़ीं, तो उन्होंने मुनाफा कमाया। SEBI ने उन पर ₹6.16 करोड़ लौटाने और 5 साल का प्रतिबंध लगाया है.

कौन है पूर्व एंकर हेमंत घई? जो अब SEBI के निशाने पर...स्टोरी में समझें अवैध कमाई का पूरा खेल
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 21 March 2025 10:58 PM IST

हेमंत घई भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय समाचार जगत में एक चर्चित नाम रहे हैं. वह लंबे समय तक सीएनबीसी आवाज़ चैनल में बतौर शेयर बाजार विश्लेषक और एंकर काम कर चुके हैं. हेमंत घई की वित्तीय सलाह और शेयर बाजार से जुड़े सुझावों को निवेशक काफी गंभीरता से लेते थे. उनके स्टॉक टिप्स और सिफारिशों का सीधा असर शेयरों की कीमतों और बाजार में निवेश के रुझानों पर पड़ता था. हालांकि, SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की जांच में यह सामने आया कि उन्होंने अपने प्रभाव का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया और बाजार में हेरफेर की. इस घोटाले में उनकी पत्नी जया घई और मां श्याम मोहिनी घई भी शामिल पाई गईं, जिसके चलते उन पर भी सख्त कार्रवाई की गई है.

पत्नी और परिवार पर जुर्माना, 5 साल का प्रतिबंध

SEBI ने हेमंत घई, उनकी पत्नी जया घई और उनकी मां पर बाजार में अनुचित तरीके से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है. जांच में यह सामने आया कि हेमंत घई अपने टीवी शो में जिन शेयरों की सिफारिश करते थे, उनकी पत्नी और मां पहले से ही उन शेयरों में निवेश कर चुकी होती थीं. जब उनके सुझावों के चलते शेयरों की कीमतें बढ़ती थीं, तब उनका परिवार उन शेयरों को बेचकर मुनाफा कमाता था। इस तरह उन्होंने बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता के नियमों का उल्लंघन किया.

SEBI ने इस मामले में हेमंत घई और उनकी पत्नी जया घई पर ₹50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, MAS कंसल्टेंसी सर्विस पर ₹30 लाख और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर ₹5 लाख का जुर्माना ठोका गया है. SEBI ने हेमंत घई और उनके परिवार पर 5 साल के लिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

कैसे हुई हेरफेर?

SEBI की जांच में पाया गया कि हेमंत घई ने 1 जनवरी 2018 से 13 जनवरी 2021 के बीच अपने शो 'स्टॉक 20-20', 'मुनाफ़े की तैयारी', 'पहला सौदा' और 'कमाई का अड्डा' में जिन स्टॉक्स की सिफारिश की, उनमें पहले से ही उनके परिवार ने निवेश कर रखा था. विशेष रूप से "स्टॉक 20-20" ऐसा शो था, जिसमें इंट्राडे और BTST (आज खरीदें, कल बेचें) ट्रेडिंग के लिए शेयरों की सिफारिश की जाती थी. SEBI को यह भी पता चला कि इन सुझावों के आधार पर उनकी पत्नी जया घई और मां श्याम मोहिनी घई ने भारी मुनाफा कमाया. SEBI ने यह भी पाया कि इन सौदों को मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अधिकृत व्यक्ति, गुजरात के मेहसाणा स्थित MAS कंसल्टेंसी के जरिए किया गया था.

SEBI की रिपोर्ट में क्या निकला?

SEBI की विस्तृत रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि हेमंत घई और उनके परिवार ने इस हेरफेर से 6.15 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा कमाया. इसमें से 2.95 करोड़ रुपये पहले ही अंतरिम आदेश में जब्त किए जा चुके थे. SEBI ने आदेश दिया कि अतिरिक्त 3.19 करोड़ रुपये भी ब्याज सहित वसूले जाएंगे. इसके अलावा, SEBI ने यह भी निर्देश दिया कि हेमंत घई और उनका परिवार SEBI के साथ पंजीकृत किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या मध्यस्थ से अगले 5 वर्षों तक नहीं जुड़ सकता. SEBI ने पाया कि हेमंत घई की सिफारिशों के तुरंत बाद स्टॉक्स में ट्रेडिंग वॉल्यूम और कीमतों में भारी उछाल आता था, जो इस बात का सबूत था कि उनके सुझावों का बाजार पर सीधा प्रभाव पड़ता था.

SEBI का सख्त रुख

SEBI ने इस मामले में ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई और साफ कर दिया कि शेयर बाजार की पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. नियामक ने पाया कि हेमंत घई द्वारा अपनाई गई रणनीति SEBI अधिनियम, 1992 और SEBI (प्रतिभूति बाजार में धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध) विनियम, 2003 के तहत प्रतिबंधित है. SEBI का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां निवेशकों के विश्वास को कमजोर करती हैं और इससे बाजार में पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए. इसलिए, SEBI ने न केवल हेमंत घई और उनके परिवार को बाजार से प्रतिबंधित किया, बल्कि भारी जुर्माना भी लगाया.

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