कौन हैं कैप्टन देवी शरण? हाईजैक हुए IC-814 में सवार 188 लोगों को सुरक्षित लेकर आए थे भारत
कैप्टन देवी शरण कंधार हाईजैक के हीरो भी हैं. दिसंबर 1999 में हाईजैक हुई इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के कमांडर थे. शनिवार को अपनी फेयरवेल की दौरान उन्होंने कहा कि अब वे एक यात्री के रूप में भी सजग रहेंगे. वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके आसपास लोग सुरक्षित रहें.

Who Is Captain Devi Sharan: इंडियन एयरलाइंस एयर इंडिया के कैप्टन देवी शरण पिछले 40 सालों से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. शनिवार 4 जनवरी वह रिटायर हो गए हैं. उन्होंने अपने रिटायरमेंट से पहले मेलबर्न से दिल्ली के लिए एयर इंडिया ड्रीमलाइनर को अपनी अंतिम उड़ान के रूप में उड़ाया था. वह
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टन देवी शरण कंधार हाईजैक के हीरो भी हैं. दिसंबर 1999 में हाईजैक हुई इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के कमांडर थे. शनिवार को अपनी फेयरवेल की दौरान उन्होंने कहा कि अब वे एक यात्री के रूप में भी सजग रहेंगे. वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके आसपास लोग सुरक्षित रहें.
कैप्टन को मिलेगी शानदार फेयरवेल पार्टी
कैप्टन देवी शरण को इंडियन एयरलाइंस ने बेहद खास अंदाज में फेयरवेल दिया, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. कैप्टन ने आई-814 के हाईजैक का अपना अनुभव शेयर किया. टाइम्स ऑफ इंडिया से उन्होंने कहा कि जिंदगी आसान नहीं है. आई-814 के हाईजैक ने उनको काफी कुछ सिखाया है. वह उनके सबसे बुरे दिन थे. वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वो बुरे दिन किसी भी क्रू मेंबर या पायलट की जिंदगी में दोबारा लौटकर न आएं. बता दें कि कैप्टन देवी शरण आईसी-814 विमान के हाईजैक हादसे में एक हीरो बनकर उभरे. उन्होंने एक हफ्ते चले हाईजैक के वर्त बड़ी जूझबूझ से सभी पैसेंजर्स को सुरक्षित बाहर निकाला था.
कौन हैं कैप्टन देवी शरण?
कैप्टन देवी शरण ने करनाल में ट्रेनिंग के बाद 1984 में अपने उड़ान कैरियर की शुरुआत की. फिर 1985 में इंडियन एयरलाइंस (2007 में एयर इंडिया में विलय हो गया) द्वारा उनका सिलेक्शन किया गया. उन्होंने बोइंग 737-200 उड़ाना शुरू किया और बाद में एयरबस ए320 और ए330 विमान उड़ाने लगे, जिसमें कंधार में किडनैप ए330 भी शामिल था. विलय के बाद, उन्होंने एयर इंडिया ए330 और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाना जारी रखा.
क्या है आई-814 के हाईजैक?
जानकारी के अनुसार, इंडियान एयरलाइंस का विमान आई-814 में 178 पैसेंजर्स बैठे थे. वह 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली जा रहे थे. विमान में यात्री और क्रू को मिलाकर कुल 188 लोग बैठे थे. तभी पांच आतंकवादी फ्लाइट में चढ़े और विमान को हाईजैक कर लिया. एक हफ्ते तक सभी आतंकवादियों के कब्जे में रहे. पहले विमान लाहौर, दुबई और फिर अफगानिस्तान का कंधार पहुंचा. विमान गृह युद्ध की आग में फंस गया था. इस दौरान लीबिया में AKK0-47 से लैस आतंकियों ने विमान को टारगेट किया था, लेकिन देवी शरण वहां से फ्लाइट को सुरक्षित निकालने में सफल रहे. 1 जनवरी, 2000 को विमान को सुरक्षित रूप से भारत वापस लाया था.