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कौन थे पीएम मोदी की टीम में खास जगह रखने वाले बिबेक देबरॉय? 69 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के पद संभाल चुके बिबेक देबरॉय का शुक्रवार को निधन हुआ. आंत में दिक्कत होने के चलते उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था. वहीं आर्थिक सलाहकार होने के साथ-साथ लेखक इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म जैसे क्षेत्र में भी निपुण रह चुके हैं.

कौन थे पीएम मोदी की टीम में खास जगह रखने वाले बिबेक देबरॉय? 69 वर्ष की उम्र में हुआ निधन
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 1 Nov 2024 1:10 PM IST

प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार बिबेक देबरॉय का शुक्रवार को 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. आंतों में दिक्कत के चलते उन्हें दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उनका निधन हुआ. बिबेक देबरॉय PM मोदी के सलाहकार होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में निपुण थे.

वहीं उनके निधन पर PM मोदी ने दुख जताया है. मोदी ने कहा कि 'मैं बिबेक देबरॉय को पिछले कई सालों से जानता हूं, उनके निधन से मैं काफी दुखी हूं. पीएम ने कहा कि मैं उनकी अंतर्दृष्टि और अकादमिक चर्चा के प्रति उनके जुनून को हमेशा याद रखूंगा'. PM बोले कि उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.

विकसित भारत के संकल्प पर कर रहे थे काम

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का सपना देखा है. इस सपने को पूरा करने के लिए तेजी के साथ काम हो रहा है. वहीं इसी सपने को पूरा करने में और भारत को विकसित बनाने की दिशा में बिबेक देबरॉय तेजी से काम कर रहे थे. आपको बता दें कि उन्होंने सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में योगदान दिया है.

कौन थे बिबेक देबरॉय?

साल 1955 तारीख 25 जनवरी को बिबेक देबरॉय का जन्म मेघालय के शिलांग में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई रामकृष्ण मिशन स्कूल से की थी. इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने कोलकाता के प्रसीडेंसी कॉलेज से की थी. बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज क ट्रिनिटी कॉलेज से अपनी आगे की शिक्षा ग्रहण की थी. अपने करियर में उन्होंने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स कॉलेज में चांसलर का पद भी संभाला था. वह कानूनी सुधारों पर वित्त मंत्रालय/यूएनडीपी परियोजना के निदेशक भी रहे.

पद्म पुरस्कार से थे सम्मानित

बिबेक देबरॉय को पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ-साथ नीति आयोग के सदस्य, कई पुस्तकों और लेखों के संपादक रह चुके हैं. कई समाचार पत्रों में उन्होंने कंसल्टिंग एडिटर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. मोदी सरकार का हिस्सा रह चुके हैं. दरअसल जिस समय मोदी सरकार नीति आयोग लेकर के आई थी. उस समय उन्हें नीति आयोग का सदस्य बनाया गया था. साल 2015 से 19 तक यह पद संभाला फिर नीति आयोग के स्थायी सदस्य रहे. इसके बाद उन्होंने भारत के आर्थिक मामलों में सुझाव देने का कार्यभार संभाला था.

कई पुराणों का किया अनुवाद

बेहतरीन अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ वह लेखक भी रह चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कई पुराणों का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. इसमें महाभारत, रामायण, श्रीमद भगवद गीता भी शामिल है. जिसे उन्होंने संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद किया था.

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