कौन हैं अनीश दयाल सिंह जो बने डिप्टी एनएसए? अब अजीत डोभाल की टीम को मिलेगी मजबूती
केंद्र सरकार ने 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह को डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. प्रयागराज में जन्मे सिंह सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के महानिदेशक रह चुके हैं. खुफिया ब्यूरो में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई. डिप्टी एनएसए के तौर पर वे अजीत डोभाल की टीम को आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर नई मजबूती देंगे.

भारत सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अनीश दयाल सिंह को डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. गृह मंत्रालय ने इस नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की. मणिपुर कैडर के 1988 बैच के अधिकारी सिंह लंबे समय तक देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं. इससे पहले वे सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे अर्धसैनिक बलों के महानिदेशक रह चुके हैं.
अनीश दयाल सिंह ने अपने करियर के दौरान कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं. वे खुफिया ब्यूरो में विशेष निदेशक रहे और कई संवेदनशील अभियानों का नेतृत्व किया. पिछले वर्ष केंद्र ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा था. इसके साथ ही वे 31 दिसंबर 2024 तक सीआरपीएफ के डीजी रहे, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
कौन है अनीश दयाल सिंह?
सिंह का जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था. प्रारंभिक शिक्षा के बाद 1988 में वे भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए और हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया. उनके परिवार का न्यायपालिका से भी गहरा संबंध है. उनके भाई सौमित्र दयाल सिंह इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर कार्य कर चुके हैं.
आईटीबीपी और एसएसबी का नेतृत्व
सीआरपीएफ के अलावा सिंह ने इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) के महानिदेशक पद की भी जिम्मेदारी निभाई. दोनों बलों के प्रमुख रहते हुए उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया. उनके कार्यकाल में सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों की क्षमता वृद्धि और समन्वय को लेकर कई अहम फैसले लिए गए.
मणिपुर कैडर से करियर की शुरुआत
अनीश दयाल सिंह ने मणिपुर कैडर से अपने पुलिस करियर की शुरुआत की थी. शुरुआती वर्षों में उन्होंने पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई. बाद में खुफिया ब्यूरो में नियुक्ति के दौरान उन्होंने आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कई बड़े मामलों में अहम योगदान दिया. यही अनुभव उन्हें डिप्टी एनएसए की भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त बनाता है.
एनएसए टीम को मिलेगी मजबूती
डिप्टी एनएसए के तौर पर सिंह अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की टीम का हिस्सा होंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और क्षेत्रीय खतरों जैसे मुद्दों पर भारत की नीति को और मजबूती देगी. मौजूदा समय में जब भारत वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर जटिल सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब उनका अनुभव और नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को नई दिशा देने में अहम साबित होगा.