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कब तक बाहर आ जाएंगे टनल में फंसे 8 मजदूर, कैसी है हालत? पढ़ें अब तक के 10 बड़े अपडेट

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में हुए टनल हादसे को करीब तीन दिन हो चुके हैं, और अब भी आठ मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. सुरंग ढहने के 48 घंटे से अधिक हो चुके हैं और अब तक फंसे हुए मजदूरों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. आइए जानते हैं अब तक इस हादसे से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स...

कब तक बाहर आ जाएंगे टनल में फंसे 8 मजदूर, कैसी है हालत? पढ़ें अब तक के 10 बड़े अपडेट
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 25 Feb 2025 12:10 AM IST

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में हुए टनल हादसे को करीब तीन दिन हो चुके हैं, और अब भी आठ मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इस बीच, उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग हादसे में शामिल बचाव दल के छह विशेषज्ञों को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया है. बचाव अभियान हर घंटे और ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. सुरंग ढहने के 48 घंटे से अधिक हो चुके हैं और अब तक फंसे हुए मजदूरों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. आइए जानते हैं अब तक इस हादसे से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स...

  1. तेलंगाना सरकार ने उत्तराखंड से रैट-होल माइनर्स को बुलाया है, क्योंकि वे संकरी जगहों में बचाव कार्य करने में विशेषज्ञता रखते हैं. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं, जबकि तेलंगाना सरकार के मंत्री लगातार घटनास्थल पर मौजूद रहकर हालात का जायजा ले रहे हैं.
  2. विशेषज्ञों को आशंका है कि एक और रिसाव हो सकता है, जिससे बचाव कार्य और मुश्किल हो जाएगा. प्राकृतिक पत्थर खिसकने से पानी और मिट्टी अचानक टनल में घुस गई, जिससे लगभग 12-13 फीट तक पानी भर गया. इससे राहत कार्य बाधित हो रहा है. हर मिनट करीब 3,200 लीटर पानी सुरंग में भर रहा है, जिससे रेत, पत्थर और मलबे के कारण कीचड़ बढ़ता जा रहा है.
  3. अब तक पांच बचाव टीमें सुरंग में जा चुकी हैं, लेकिन चौथी टीम से मिली रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है. अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम जल्द ही आगे की रणनीति तय करेगी. सभी की सुरक्षा प्राथमिकता है, लेकिन बचाव कार्य में हो रही देरी गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है.
  4. तेलंगाना के मंत्री जे कृष्णा राव ने सोमवार को एसएलबीसी परियोजना सुरंग में फंसे आठ श्रमिकों के बचाव प्रयासों को लेकर निराशाजनक स्थिति पेश की. उन्होंने बताया कि जब बचाव दल ने श्रमिकों के नाम पुकारे, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
  5. मंत्री जे कृष्णा राव ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत, बहुत, बहुत, बहुत कम है. उन्होंने निर्माणाधीन सुरंग में अवरोध की गंभीरता को लेकर जानकारी दी.
  6. दुर्घटना स्थल से लगभग 50 मीटर दूर तक मंत्री पहुंचे. सुरंग के अंत की तस्वीरें ली गईं, जिससे इसकी स्थिति स्पष्ट हुई. 9 मीटर चौड़ी सुरंग में करीब 30 फीट का अवरोध है. इसमें से 25 फीट तक कीचड़ जमा हो चुका है, जिससे बचाव कार्य बेहद कठिन हो गया है. विशेषज्ञों और बचाव दलों के लिए यह सबसे चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन बन गया है, जहां हर बीतते घंटे के साथ हालात और गंभीर होते जा रहे हैं.
  7. उत्तराखंड सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान में शामिल रही चूहे खनिकों की विशेष टीम को बुलाया गया है. मंत्री के अनुसार, फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने में 3-4 दिन लग सकते हैं क्योंकि मलबा और कीचड़ बचाव कार्य में बाधा डाल रहे हैं.
  8. अधिकारी सुरंग में ऑक्सीजन पंप कर रहे हैं और पानी निकालने की कोशिश कर रहे हैं. मंत्री ने सवाल उठाया, "अगर वे टीबीएम मशीन के निचले हिस्से में भी हैं, तो ऑक्सीजन वहां तक कैसे पहुंचेगी?"
  9. फंसे 8 मजदूरों में उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और झारखंड के श्रमिक शामिल हैं. भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हुई हैं, लेकिन अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है.
  10. संजय साह उन 50 मजदूरों में शामिल थे, जो शनिवार सुबह सात बजे सुरंग में गए थे. कुछ समय बाद सुरंग की छत का एक हिस्सा 13.5 किलोमीटर अंदर गिर गया. साह और 41 अन्य श्रमिक तो भागकर बाहर आ गए, लेकिन उन्हें बाद में पता चला कि आठ लोग बाहर नहीं निकल पाए. साह ने बताया कि रात की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों ने उन्हें पानी के रिसाव के बारे में बताया था, लेकिन यह अक्सर होता था, इसलिए उन्होंने सावधानी बरतते हुए काम किया.

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