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कब लॉन्च होगा EPFO एटीएम कार्ड और मोबाइल ऐप? जानें क्या होगी विड्रॉल लिमिट

अब EPFO के लिए आपको ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि आप एटीएम से फंड निकाल पाएंगे. ईपीएफओ एटीएम कार्ड से ग्राहक अपना पूरा अमाउंट नहीं निकाल पाएंगे, लेकिन अब यूजर ईपीएफओ की परमिशन के बिना भी पैसे निकाल सकते हैं.

कब लॉन्च होगा EPFO एटीएम कार्ड और मोबाइल ऐप? जानें क्या होगी विड्रॉल लिमिट
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 3 Jan 2025 5:39 PM IST

यूनियन लेबर और एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने कहा है कि इस साल मई-जून तक ईपीएफओ कस्टमर्स को न्यू एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) मोबाइल एप्लीकेशन और डेबिट कार्ड सर्विस देने की तैयारी चल रही है. इसके आगे उन्होंने बताया कि ईपीएफओ 2.0 पर काम चल रहा है, जिसमें पूरे आईटी सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा. यह काम जनवरी के अंत पूरा हो सकता है.

इसके बाद मई-जून तक ईपीएफओ 3.0 ऐप लॉन्च किया जाएगा, जो ईपीएफओ कस्टमर्स को बैंकिंग सर्विस देगा. यह पूरे सिस्टम को सेंट्रलाइज करेगा, जिससे क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस सिस्टम आसान हो जाएगा. ऐसे में चलिए जानते हैं कितनी होगी विड्रॉल लिमिट?

एटीएम से निकाल पाएंगे फंड

आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच बातचीत जारी है. श्रम मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ 3.0 के जरिए से ईपीएफओ कस्टमर्स को बैंकिंग सर्विस देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय के बीच बातचीत चल रही है. अगर यह लागू हो जाता है, तो इस ग्राहकों को डेबिट कार्ड एक्सेस दिया जाएगा और वह एटीएम से ईपीएफओ फंड निकाल सकते हैं.

विड्रॉल लिमिट क्या होगी?

यह ध्यान रखना होगा कि एटीएम कार्ड से ग्राहक पूरा अमाउंट नहीं निकाल पाएंगे. विड्रॉल की लिमिट सेट की जाएगी. हालांकि, अच्छी बात यह है कि पहले परमिशन लेनी होती थी, लेकिन अब इस सीमा के भीतर विड्रॉल के लिए ईपीएफओ से इसकी जरूरत नहीं होगी. सरकार की इस पहल से ईपीएफओ ग्राहकों को बहुत फायदा होगा. अब लोगों को फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही, ऑफिस के चक्कर लगाने का भी झंझट खत्म हो जाएगा.

रोजगार के अवसरों में आई वृद्धि

केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 से 2024 के कार्यकाल के दौरान 17.19 करोड़ व्यक्तियों को रोजगार मिला. यह आंकड़ा यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान रोजगार के आंकड़ों की तुलना में छह गुना बढ़ोतरी दिखाता है. केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि हाल के वर्ष (2023-2024) में ही देशभर में लगभग 4.6 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं. साथ ही, इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के बारे में कहा कि यूपीए के कार्यकाल के दौरान 2004 से 2014 के बीच रोजगार में 16 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके विपरीत, एनडीए सरकार के तहत 2014 और 2023 के बीच कृषि रोजगार में 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

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