क्या होती है हॉलमार्किंग, सोने के बाद अब चांदी पर भी इसे लगाने की है तैयारी
Hallmarking on Silver: हॉलमार्क वाले ज्वेलरी की प्रामाणिकता की जांच के लिए कस्टमर बीआईएस केयर ऐप का उपयोग कर सकते है, जो उन्हें HUID नंबर दर्ज करके वस्तु की प्रामाणिकता की जांच करने की सुविधा देता है.

Hallmarking on Silver: सोने के लिए हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) सिस्टम से इसकी प्योरिटी तय की गई है. वहीं अब भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अब चांदी से बनी वस्तुओं पर भी हॉलमार्किंग की तैयारी में लगा है. सरकार इसके लिए तेजी से काम कर रही है. कस्टमर की सुरक्षा को लेकर ये बड़ा कदम बताया जा रहा है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से अलग चांदी एनवायरनमेंट फैक्टर के प्रति अधिक रिएक्टिव होती है, जिसके कारण इसकी सतह पर प्रिंटेड HUID समय के साथ खराब हो सकता है. इस समस्या को हल करने के लिए चांदी पर HUID की स्टैब्लिटी को बढ़ाने और इसे एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाने पर काम चल रहा है.
क्या होती है हॉलमार्किंग?
HUID एक अनूठा छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जो हॉलमार्किंग के समय ज्वेलरी पर प्रिंट किया जाता है. हॉलमार्किंग सोने, चांदी, प्लैटिनम और पैलेडियम जैसी कीमती धातुओं की शुद्धता और गुणवत्ता को प्रमाणित करने का एक प्रोसेस है.
बीआईएस ने भारत में ज्वेलरी के लिए हॉलमार्किंग योजना साल 2000 में शुरू किया था. जून 2021 से भारत के 288 जिलों में अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू की गई है. हॉलमार्क वाले ज्वेलरी की प्रामाणिकता की जांच के लिए कस्टमर बीआईएस केयर ऐप का उपयोग कर सकते है, जो उन्हें HUID नंबर दर्ज करके वस्तु की प्रामाणिकता की जांच करने की सुविधा देता है.
अब चांदी की क्वालिटी भी सुनिश्चित
सरकार के इस कदम से चांदी के उत्पादों में क्वालिटी को सुनिश्चित किया जा सकेगा. ये ठीक वैसे ही होगा जैसे सोने के लिए है. इसके साथ ही चांदी की हॉलमार्किंग की शुरूआत हो जाएगी. इससे चांदी के मालिक को सही कीमत मिल पाएगी और उन्हें नुकसान का सामना नहीं करना होगा. इसके अलावा ज्वैलरी की प्योरिटी को लेकर कोई शक की गुंजाइश नहीं होगी. इसे आसान से बेचा और खरीदा जा सकेगा.