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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी क्या है और यह कैसे काम करती है? जानिए पूरी डिटेल

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए. बैठक में सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया, अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई, SAARC वीजा छूट रद्द कर दी गई, पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित किया गया और पाकिस्तान में भारतीय राजनयिक मिशन को कम करने का निर्णय लिया गया. इन फैसलों का मकसद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दिखाना है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर CCS है क्या, इसके प्रमुख कार्य क्या हैं और इसमें कौन-कौन लोग शामिल होते हैं...

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी क्या है और यह कैसे काम करती है? जानिए पूरी डिटेल
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( Image Source:  X )

What is Cabinet Committee on Security: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब लोग बैसारन घाटी में जन्नत की वादी का दीदार कर रहे थे. इस हमले को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. हमले के बाद भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए.

पहलगामी आतंकी हमले के बाद हुई CCS की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिसका मकसद पाकिस्तान पर दबाव बनाना और आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देना है.

CCS के प्रमुख फैसले

  1. सिंधु जल संधि निलंबित : भारत ने 1960 में पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. यह निर्णय तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता.
  2. अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर पोस्ट को बंद कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों और वस्तुओं की आवाजाही रुक गई है.
  3. SAARC वीजा रद्द: भारत ने SAARC वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तान के नागरिकों को दिए गए वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया है.
  4. पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार निष्कासित : नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को निष्कासित किया गया है.
  5. राजनयिक मिशन में कटौती : भारत ने पाकिस्तान में अपने राजनयिक मिशन की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया है, जो 1 मई 2025 से प्रभावी होगा.

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) क्या है?

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) भारत सरकार की सर्वोच्च सुरक्षा समिति है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा नीति, और विदेश मामलों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर निर्णय लेती है. इसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होते हैं. आवश्यकतानुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और संबंधित मंत्रालयों के सचिव भी बैठकों में भाग लेते हैं.

CCS के प्रमुख कार्य

  • राष्ट्रीय रक्षा नीति बनाना और उसे लागू करना
  • सशस्त्र बलों (थलसेना, नौसेना, वायुसेना) से जुड़े बड़े निर्णय लेना
  • सुरक्षा उपकरणों की खरीद और रक्षा सौदों को मंजूरी देना
  • आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य आंतरिक खतरों से निपटने की रणनीति तय करना
  • भारत की विदेश नीति के रणनीतिक पहलुओं पर निर्णय लेना
  • परमाणु नीति और परमाणु हथियारों से जुड़े फैसले लेना

CCS की संरचना

CCS में आमतौर पर 5 सदस्य होते हैं:

  1. प्रधानमंत्री (Chairperson)
  2. रक्षा मंत्री (Defence Minister)
  3. गृह मंत्री (Home Minister)
  4. विदेश मंत्री (External Affairs Minister)
  5. वित्त मंत्री (Finance Minister)

हालांकि, कभी-कभी ज़रूरत के अनुसार, अन्य वरिष्ठ मंत्रियों या अधिकारियों को भी बैठकों में आमंत्रित किया जा सकता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव के साथ गृह, रक्षा, वित्त और विदेश मंत्रालयों के सचिव भी मौजूद थे.

CCS के अधीन आने वाले प्रमुख मुद्दे

  • युद्ध या सैन्य हस्तक्षेप से जुड़े निर्णय
  • बड़ी रक्षा परियोजनाओं को स्वीकृति देना (जैसे - लड़ाकू विमान, पनडुब्बी, मिसाइल सिस्टम खरीदना)
  • सामरिक गठजोड़ और रक्षा सौदे (जैसे - अमेरिका, रूस, फ्रांस जैसे देशों से)
  • आपातकालीन स्थिति में त्वरित निर्णय (जैसे पुलवामा हमले के बाद Balakot Air Strike का निर्णय CCS में हुआ था)
  • सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां और प्रतिक्रिया

उदाहरण के लिए,

  • 2016 सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे महत्वपूर्ण निर्णय CCS द्वारा ही लिए गए थे।
  • बड़े रक्षा सौदों जैसे राफेल डील (Rafale Deal) को भी CCS ने अंतिम स्वीकृति दी थी।

विशेष बातें

  • CCS की बैठकें गोपनीय होती हैं और इनकी कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं किया जाता.
  • सुरक्षा से जुड़े सबसे बड़े निर्णय बिना CCS की मंजूरी के नहीं लिए जा सकते.

भारत की सुरक्षा संरचना का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है CCS

कुल मिलाकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) भारत की सुरक्षा संरचना का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो युद्ध, आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय रणनीति और देश की रक्षा से जुड़े निर्णयों का अंतिम फैसला करती है. इसका नेतृत्व सीधे प्रधानमंत्री करते हैं, जिससे इसकी गंभीरता और प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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