Begin typing your search...

चंद्रयान की रखी आधारशिला, NEP के रहे शिल्पकार... कौन थे डॉक्टर कस्तूरीरंगन, जिन्हें कहा जाता है 'रॉकेट मैन'?

डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का 25 अप्रैल को 84 साल की उम्र में निधन गया. वे भारत के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक थे, जिन्होंने ISRO के अध्यक्ष के रूप में 1994 से 2003 तक सेवा की. उनके नेतृत्व में भारत ने PSLV और GSLV जैसे प्रमुख प्रक्षेपण यानों का सफलतापूर्वक विकास और संचालन किया, जिससे देश की अंतरिक्ष स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई. उन्होंने ही चंद्रयान-1 मिशन की नींव रखी.

चंद्रयान की रखी आधारशिला, NEP के रहे शिल्पकार...  कौन थे डॉक्टर कस्तूरीरंगन, जिन्हें कहा जाता है रॉकेट मैन?
X

Dr Krishnaswamy Kasturirangan ​Biography: भारत के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक और पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का 25 अप्रैल को बेंगलुरु में उनके निवास पर निधन हो गया. वे 84 साल के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. उनका अंतिम दर्शन 27 अप्रैल को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक बेंगलुरु के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में किया जा सकेगा. उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मशहूर हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है.

डॉ. कस्तूरीरंगन ने 1994 से 2003 तक इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. इस दौरान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं. उनके नेतृत्व में पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे प्रक्षेपण यानों का विकास हुआ और चंद्रयान-1 मिशन की नींव रखी गई. विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री (1982), पद्म भूषण (1992) और पद्म विभूषण (2000) से सम्मानित किया गया.

कौन थे डॉक्टर कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन?

  • डॉ. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन भारत के शीर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों में से एक थे. उन्हें 'रॉकेट मैन ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है. उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
  • कस्तूरीरंगन का जन्म 24 अक्टूबर 1940 को केरल के एर्नाकुलम में हुआ. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. उनके पूर्वज तमिलनाडु से थे, जो बाद में आकर केरल में बस गए.
  • कस्तूरीरंगन के पिता महाराज कॉलेज, एर्नाकुल से केमिस्ट्री में स्नातक थे. उन्होंने टाट एयरलाइंस में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम किया. वे इंडियन एयरलाइंस कारपोरेशन में वरिष्ठ लेखाकार अधिकारी के रूप में रिटायर हुए.
  • कस्तूरीरंगन ने 1969 में पीएचडी करने के बाद लक्ष्मी से शादी कर ली, जिससे उनके दो बेटे हैं- राजेश और संजय. हालांकि, उनकी पत्नी का 1991 में निधन हो गया.
  • डॉक्टर कस्तूरीरंगन 1994 से 2003 तक ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अध्यक्ष रहे. उनके नेतृत्व में भारत ने PSLV और GSLV जैसे लॉन्च व्हीकल विकसित किए और कई उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया.
  • कस्तूरीरंगन ने चंद्रयान-1 मिशन** की आधारशिला रखी. इसके अलावा, उन्होंने Indian Remote Sensing Satellites यानी IRS-1C, IRS-1D, INSAT-2 और IRS-P3/P4 जैसे उपग्रहों के विकास का मार्गदर्शन किया.
  • डॉक्टर कस्तूरीरंगन ने उच्च-ऊर्जा खगोलशास्त्र (X-ray और gamma-ray) में उल्लेखनीय वैज्ञानिक योगदान दिया.
  • ISRO से सेवानिवृत्ति के बाद कस्तूरीरंगन योजना आयोग के सदस्य, राज्यसभा सांसद, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति और नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के ड्राफ्ट पैनल के चेयरमैन भी रहे.
  • भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री , पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे बड़े नागरिक सम्मानों से नवाजा.

डॉ. कस्तूरीरंगन का जीवन भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रगति की प्रेरक कहानी है. उनका नाम हमेशा भारतीय अंतरिक्ष इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. कस्तूरीरंगन का जीवन और कार्य भारत के वैज्ञानिक और शैक्षिक विकास में एक प्रेरणा स्रोत रहेगा.

India News
अगला लेख