मुंह में तेजाब डालकर आवाज... टीएमसी नेता ने बीजेपी विधायक को दी धमकी, सीएम की चेतावनी के बावजूद क्यों दे रहे ऐसे बयान?
मालदा ज़िले के टीएमसी अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने भाजपा विधायक के मुँह में तेजाब डालने की धमकी दी. भाजपा ने सत्तारूढ़ पार्टी पर हिंसा और धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी की चेतावनी के बावजूद विवाद बढ़ा. पढ़ें पूरी खबर और जानें इस धमकी से बढ़ते चुनावी तनाव और राजनीतिक प्रतिक्रिया.

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में मालदा ज़िले के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष अब्दुर रहीम बख्शी ने एक सार्वजनिक सभा में भाजपा नेता के मुंह में तेजाब डालने की धमकी दी. यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है और राजनीतिक पार्टियों के बीच तनाव चरम पर है. टीएमसी की यह टिप्पणी सोशल मीडिया और प्रेस में तेज़ी से वायरल हुई, जिससे दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक विवाद और भड़क गया.
सभा के दौरान अब्दुर रहीम बख्शी ने भाजपा विधायक शंकर घोष के खिलाफ तीखा हमला बोला. उन्होंने विधायक के उन पूर्व टिप्पणियों का ज़िक्र किया जिसमें शंकर घोष ने बंगाल से आए प्रवासी मज़दूरों को "रोहिंग्या" या "बांग्लादेशी" कहकर संबोधित किया था. बख्शी ने कहा, "अगर मैंने ये बात आपसे फिर सुनी, तो मैं आपके मुंह में तेज़ाब डालकर आपकी आवाज़ जलाकर राख कर दूंगा. आपको पता होना चाहिए कि यह पश्चिम बंगाल है. हम बंगाली आपको बोलने की जगह नहीं देंगे." इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को फिर से गरमा दिया है.
भाजपा का सख्त विरोध और निंदा
भाजपा ने टीएमसी अध्यक्ष की इस धमकी की तुरंत निंदा की और कहा कि यह सत्तारूढ़ पार्टी में हिंसा और धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला कदम है. मालदा उत्तर से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने इसे टीएमसी की हताशा का संकेत बताते हुए कहा कि राज्य चुनावों से पहले इस तरह की बयानबाजी आम हो गई है. उन्होंने कहा, "टीएमसी का काम लोगों को डराना है. मालदा में अब ऐसे बयान लगातार सामने आ रहे हैं."
स्थानीय प्रदर्शन और विरोध की लहर
भाजपा ने मालदा में विरोध प्रदर्शन भी किया. सांसद खगेन मुर्मू ने पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे पुलिस मामलों के विरोध में धरना प्रदर्शन का नेतृत्व किया. भाजपा नेताओं का कहना है कि यह बयान न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और राजनीतिक संवाद के लिए भी चिंता का विषय है.
ममता बनर्जी की चेतावनी के बावजूद विवाद
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं को बार-बार सार्वजनिक भाषण में अपमानजनक या भड़काऊ भाषा से बचने की चेतावनी दी थी. हाल ही में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए हुई समीक्षा बैठक में भी उन्होंने गैर-ज़िम्मेदाराना टिप्पणियों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचने से रोका. लेकिन अब्दुर रहीम बख्शी का यह बयान उन चेतावनियों के बावजूद आया, जिससे पार्टी के भीतर अनुशासन और नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं.
चुनावी माहौल में बढ़ता तनाव
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे बयान आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर टीएमसी की हताशा और विपक्षी पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं. वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि इस तरह की धमकियां लोकतांत्रिक मूल्यों और समाज में शांति के लिए खतरा हैं. अब दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक संघर्ष और चुनावी प्रचार का स्वरूप और भी सख्त होता दिखाई दे रहा है.