भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान की आज से हुई थी शुरुआत, दुनिया में हुई थी जय जयकार
भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान की आज से शुरुआत हुई थी. अबतक 4 अरब से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है. भारत ने विदेशों में भी वैक्सीन की सप्लाई की थी, जिससे पूरी दुनिया में भारत की जय जयकार हुई थी. भारत में कोरोना महामारी का पहला केस केरल से सामने आया था, जिसके बाद यह पूरे देश में फैल गया. पढ़ें यह खास रिपोर्ट...

Corona Vaccination Campaign in India: 16 जनवरी 2021.. यह वह तारीख है, जब कोविड महामारी का सामना कर रहे भारत में पहली कोरोना वैक्सीन लगाई गई थी. इसके साथ ही देश में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी, जिसका उद्देश्य कोरोना महामारी के खिलाफ देश की रक्षा करना था. इस अभियान की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.
देश में 200 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. भारत ने दूसरे देशों में भी वैक्सीन की सप्लाई की है, जिससे उन्हें कोविड-19 से लड़ने में मदद मिली. आइए, इस अभियान के बारे में विस्तार से जानते हैं...
भारत में कितने लोगों को वैक्सीन लगी है?
भारत में अबतक 204.60 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. यह आंकड़ा 2,71,14,804 टीकाकरण सत्रों के जरिए हासिल किया गया है. जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, उसमें 12-14 आयु वर्ग के 3.91 करोड़ से अधिक किशोर को पहली खुराक लगाई गई है. वहीं, 15-18 आयु वर्ग के 6.12 करोड़ से अधिक किशोरों को पहली खुराक और 5.11 करोड़ से अधिक किशोरों को दूसरी खुराक लगाई गई है.
इसके साथ ही, 18-44 आयु वर्ग के 55.95 करोड़ से अधिक लोगों को पहली खुराक और 50.90 करोड़ से अधिक लोगों को दूसरी खुराक लगाई गई है. वहीं, 45-59 आयु वर्ग के 20.36 करोड़ से अधिक लोगों को पहली खुराक और 19.53 करोड़ से अधिक लोगों को दूसरी खुराक लगाई गई है, जबकि 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 12.74 करोड़ से अधिक लोगों को पहली खुराक और 12.20 करोड़ से अधिक लोगों को दूसरी खुराक लगाई गई है.
अप्रैल 2023 तक भारत में 2.20 अरब से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी थी, जिसमें पहली, दूसरी और एहतियाती (बूस्टर) खुराक शामिल हैं. इसके अलावा, भारत में 95% पात्र आबादी (12+) को टीके की पहला खुराक और 88% पात्र आबादी को टीके की दोनों खुराक मिल चुकी है.
2021 के बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का आवंटन
भारत ने 2021 के बजट में वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे. इससे पहले सरकार ने नवंबर 2020 में जैव प्रौद्योगिकी विभाग में 900 करोड़ रुपये डाले थे. टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी 2021, दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च 2021 और तीसरे चरण की शुरुआत 1 मई 2021 से हुई. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था. वहीं, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स, तीसरे चरण में 60 वर्ष से ऊपर और 45-59 आयु वर्ग के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हुआ था.
19 फरवरी 2021 को भारत ने छुआ एक करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा
भारत ने 19 फरवरी 2021 को एक करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा छुआ था. वही, 6 अगस्त को सिर्फ 202 दिन में भारत में 50 करोड़ वैक्सीन की डोज लग गई. 27 अगस्त को एक दिन में एक करोड़ वैक्सीन की डोज लगाकर भारत ने बड़ा कारनामा कर दिखाया. इसके बाद पीएम मोदी के जन्म 17 सितंबर 2021 को एक दिन में सबसे ज्यादा ढाई करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई.
21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया. सात जनवरी 2022 को 150 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लग चुकी थी. वहीं, 10 जनवरी 2022 से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल या उससे ऊपर के लोगों के लिए प्रीकॉशन डोज लगाने का अभियान शुरू किया गया.
नौ फरवरी 2022 को 15 से 18 साल के आयु वर्ग के एक करोड़ से अधिक सभी युवाओं का टीकाकरण हुआ. वहीं, 16 मार्च 2022 से 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई. 10 अप्रैल 2022 में निजी केंद्रों में प्रीकाशन डोज लगाने की अनुमति दी गई. 17 जुलाई 2022 को भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 200 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा पार किया.
भारत ने किन देशों को भेजी वैक्सीन?
भारत ने करीब 100 देशों को वैक्सीन की सप्लाई की है. इसमें बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, भूटान, ब्रिटेन, सउदी अरब, ब्राजील, मोरक्को, कनाडा, मैक्सिको और मालदीव जैसे देश शामिल हैं.
भारत में कोरोना वैक्सीन किसने बनाई?
भारत में कोरोना वैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने किया है. भारत बायोटेक हैदराबाद में स्थित एक भारतीय बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है. इसकी वैक्सीन को कोवैक्सिन नाम दिया गया है, जो कि भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन है. कोवैक्सिन का विकास भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर किया है. इसका उत्पादन भारत बायोटेक की बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) सुविधा में किया जा रहा है.
कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा इसे बनाया जाता है. इसके अलावा, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना वैक्सीन भी लोगों को लगाई गई. ये वैक्सीन वायरस के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है. इनका उपयोग कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण में किया जा रहा है.
भारत में कोविड-19 का पहला मामला कब सामने आया?
भारत में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को केरल के त्रिशूर से सामने आया. तीन मेडिकल स्टूडेंट कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. वे सभी चीन के वुहान शहर से आए हुए थे, जो कोरोना वायरस का केंद्र था. कोरोना वायरस को SARS-CoV-2 नाम दिया गया है.
केरल में कब लगा लॉकडाउन?
केरल में कोविड-19 का पहला केस मिलने के बाद कोरोना महामारी तेजी से फैलने लगी. यह सिलसिला मार्च तक जारी रहा. जब काफी संख्या में मामले मिलने लगे तो राज्य सरकार ने 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा की.
भारत में पहली बार लॉकडाउन कब लगा?
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा की. इसका मकसद लोगों को घरों में रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना था, ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके.
लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या प्रतिबंध लगाए गए?
लॉकडाउन के दौरान सभी गैर-आवश्यक सेवाओं और गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, मॉल, और अन्य सार्वजनिक स्थान बंद कर दिए गए थे. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, ट्रेनें और बसें भी बंद कर दी गईं थीं. लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया था. इसी के साथ सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था.
लॉकडाउन का क्या असर हुआ?
लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गईं और उनकी आय प्रभावित हुई. लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया था, जिससे उन्हें अकेलापन और तनाव का सामना करना पड़ा. लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
भारत में अबतक कोरोना वायरस के कितने केस मिले?
भारत में अबतक कोरोना वायरस के 4 करोड़ 50 लाख 44 हजार से ज्यादा मामले मिले हैं, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है. देश में कोविड-19 से 5 लाख 33 हजार 661 लोगों की मौत हुई है. यह अमेरिका और ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा है.