नए Income Tax स्लैब में है कन्फ्यूजन? यहां है आपके हर सवाल का जवाब
Union Budget 2025: नए इनकम टैक्स स्लैब के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर अब टैक्स नहीं लगेगा. ये एक तरह से इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 87A के तहत छूट है.

Union Budget 2025: यूनियन बजट 2025 को एक्सपर्ट्स ऐतिहासिक बता रहे हैं, जिसमें 12.75 लाख रुपए की कमाई तक Income Tax से पूरी तरह से छूट दी गई है. इसके साथ ही सीनियर सिटिजन्स को टैक्स के लिए दोगुनी छूट दी जाएगी. उनके लिए ब्याज पर छूट 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख की जा रही है.
वर्तमान में 2020 में शुरू की गई सिस्टम के तहत 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर 5 से 20 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है, जबकि 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है. हालांकि, लोगों को इसे लेकर कई तरह की कन्फ्यूजन हो रही है, जिस हम यहां बात करने वाले हैं.
यहां Q&A से आपको अपने कन्फ्यूजन को दूर करने मदद मिलेगी-
क्या है नया टैक्स रिजीम?
नए टैक्स रिजीम में रियायती कर दरें और लिबरल स्लैब का प्रावधान है. हालांकि, नई व्यवस्था में कोई कटौती की अनुमति नहीं है. फिर आप सोच रहे होंगे कि आखिर सरकार छूट कैसे देगी तो ये छूट आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत मिलेगी.
जीरो टैक्स लायबिलिटी का लाभ लेने के लिए क्या करना होगा?
टैक्स लायबिलिटी न होने का लाभ केवल नई कर व्यवस्था में ही उपलब्ध है. यह नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट व्यवस्था है. नई कर व्यवस्था के प्रस्तावित प्रावधानों के तहत छूट का लाभ उठाने के लिए केवल रिटर्न दाखिल करना होगा. इसके अलावा कोई अन्य कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि पहले ऐसा नहीं था.
12 लाख रुपये आय वाले व्यक्ति को नई दरों से क्या लाभ होगा?
पहले किसी भी व्यक्ति को 12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये का टैक्स देना पड़ता था. अब कोई टैक्स नहीं लगेगा.
क्या इस बजट में जीरो टैक्स पैमेंट के लिए कुल आय की सीमा बढ़ाई गई है?
जी हां, इस बजट में नई कर व्यवस्था में बिना कर भुगतान के लिए कुल आय की सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है, बशर्ते टैक्सपेयर छूट का लाभ उठाने के लिए ITR दाखिल करें.
क्या नई व्यवस्था में वेतन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है?
हां, नई व्यवस्था में टैक्सपेयर को 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है. इसलिए वेतनभोगी टैक्सपेयर को कोई कर नहीं देना होगा, जहां मानक कटौती से पहले उसकी आय 12.75 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है.
क्या पुरानी व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है?
पुरानी व्यवस्था में 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध है.
नए दरों और स्लैब से कितने टैक्सपेयर्स को लाभ होगा?
फिलहाल 2024-25 के लिए करीब 8.75 करोड़ लोगों ने अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया है. ऐसे सभी लोग जो नई कर व्यवस्था में कर का भुगतान कर रहे थे, उन्हें दरों और स्लैब में बदलाव का लाभ मिलेगा.
पहले की व्यवस्था में टैक्स स्लैब-
- 3 लाख रुपये तक - 0%
- 3-7 लाख रुपये - 5%
- 7-10 लाख रुपये - 10%
- 10-12 लाख रुपये - 15%
- 12-15 लाख रुपये - 20%
- 15 लाख रुपये से अधिक - 30%
नई व्यवस्था में टैक्स स्लैब-
- 4 लाख रुपये तक - 0%
- 4-8 लाख रुपये - 5%
- 8 12 लाख रुपये - 10%
- 12-16 लाख रुपये - 15%
- 16-20 लाख रुपये - 20%
- 20-24 लाख रुपये - 25%
- 24 लाख रुपये से अधिक - 30%