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तुर्की ने बनाया दुनिया का पहला मानवरहित लड़ाकू विमान, भारत के लिए बन सकता है चुनौती

तुर्की में बने ड्रोन भारत के लिए पहले से ही चुनौती बने हुए हैं क्‍योंकि पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश दोनों ने भारत से लगती सीमा पर इन्‍हें तैनात कर रखा है. अब तुर्की ने दुनिया का पहला मानवरहित लड़ाकू विमान बना लेने का दावा किया है. पाकिस्‍तान के साथ तुर्की के जैसे रिश्‍ते हैं, उसे देखते हुए यह भारत के लिए चुनौती बढ़ाने वाला हो सकता है.

तुर्की ने बनाया दुनिया का पहला मानवरहित लड़ाकू विमान, भारत के लिए बन सकता है चुनौती
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 10 March 2025 2:00 PM IST

तुर्की में बने ड्रोन भारत के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं. तुर्की की डिफेंस ड्रोन निर्माता कंपनी बेकर (Baykar) के बनाए गए बायरकटार ड्रोन (Bayraktar drones) पहले ही भारत की पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर तैनात किए जा चुके हैं. जी हां, सही समझ रहे हैं आप, एक तरफ हमारा परंपरागत दुश्‍मन पाकिस्‍तान है, जिसकी तुर्की से खूब जमती है तो दूसरी ओर है बांग्‍लादेश जो शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद से दूसरा पाकिस्‍तान बनने को उतारू है. भारत के दोनों ही पड़ोसी देशों ने अपनी सीमा पर तुर्की के बने खतरनाक TB2 ड्रोन तैनात कर रखे हैं.

लेकिन चिंता इस बात की नहीं है. अब तुर्की ने दावा किया है कि उसने मानव रहित लड़ाकू विमान बना लिया है. और अगर उसने पाकिस्‍तान को भी ये दे दिया तो भारत की चिंता बढ़ना तय है. आइए जानते हैं तुर्की के इस नए मानव रहित लड़ाकू विमान के बारे में.

दुनिया का पहला मानव रहित लड़ाकू विमान

इस मानवरहित फाइटर जेट को भी Baykar कंपनी ने ही बनाया है और दुनिया में ऐसा यह पहला विमान है. हालांकि अमेरिकी रक्षा कंपनियां भी इस दिशा में काम कर रही हैं लेकिन ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि उन्‍हें इस क्षेत्र में कितनी कामयाबी मिली है. तुर्की ने अपने इस जेट का नाम किज़िलेल्मा (Kizilelma) रखा है. जानकारी के अनुसार स्वदेशी रूप से विकसित किज़िलेल्मा का एयरोडायनामिक्स सिस्टम आइडेंटिफिकेशन टेस्‍ट सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है.

भारत को भी अपनी ड्रोन फ्लीट बनाने की है जरूरत

यह घटनाक्रम भारत के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बांग्लादेश और पाकिस्तान ने ड्रोन की तैनाती बढ़ा दी है. ये दोनों देश तुर्की से बायरकटार ड्रोन आयात कर रहे हैं. पड़ोसी देशों द्वारा ड्रोन की तैनाती बढ़ाए जाने को देखते हुए भारतीय सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. जिस तरह ड्रोन के विकास में तुर्की तकनीकी रूप से आगे बढ़ता जा रहा है और पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से उसकी जैसी नजदीकियां हैं, उसे देखते हुए भारत के सामने भविष्‍य में अपने ड्रोन बेड़े तैयार करना जरूरी हो जाता है.

Kizilelma में क्‍या है खास

  • Kizilelma के प्रोडक्शन प्रोटोटाइप में कई बड़े सुधार किए गए हैं, जिनमें एवियोनिक्स आर्किटेक्चर अपग्रेड और बर्नर इंजन के साथ एक वैकल्पिक इंजन का सफल परीक्षण शामिल है.
  • यह विमान सुपरसोनिक स्‍पीड यानी ध्वनि की गति के करीब पहुंच सकता है
  • आधुनिक लड़ाकू विमानों की तरह इसमें भी AESA रडार लगा होगा जो बेहद जटिल अभियानों को अंजाम देने में सक्षम होगा
  • यह Bayraktar Akinci यूसीएवी और F-16 लड़ाकू विमानों के साथ संयुक्त उड़ानों में भाग ले चुका है, जो भविष्य के एयर कॉम्बैट ऑपरेशंस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
  • यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस होगा जो इसे ऑटोमेटेड टेकऑफ और लैंडिंग, डॉगफाइटिंग और जटिल मिशनों में अत्यधिक प्रभावी बनाती हैं

Baykar की सफलता

Baykar को अपने सारे रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोग्राम अपने ही खर्चे पर पूरे करने को लेकर भी जाना जाता है. 2003 से अब तक, कंपनी की 83% कमाई निर्यात से आई है. 2023 में Baykar ने 1.8 बिलियन डॉलर यानी करीब 157 अरब रुपये का निर्यात किया, जिससे वह तुर्की के शीर्ष 10 निर्यातकों में शामिल हो गया. 2024 में भी कंपनी ने 90% राजस्व निर्यात से कमाया. अब तक Baykar 34 देशों को Bayraktar TB2 और 11 देशों को Bayraktar Akinci बेच चुका है. हाल ही में Baykar ने यूरोपीय रक्षा दिग्गज Leonardo के साथ रणनीतिक साझेदारी समझौता किया है, जिससे यूरोपीय बाजार में इसके ड्रोन की पहुंच आसान हो सकती है.

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