क्या है Bayraktar ड्रोन? जिसे बांग्लादेश ने तुर्की से खरीद कर रखा बॉर्डर पर, जानें इसकी खासियत
बांग्लादेश ने भारत पर कड़ी नजर रखने के लिए बॉर्डर के पास तूर्की बायरकटार (टीबी-2) ड्रोन को तैनात किया है. आपको बता दें कि बांग्लादेश ने इन ड्रोन्स को तुर्की से खरीदा है. यहां तक की पाकिस्तान भी इसी जनरेशन के ड्रोन्स की खरीदारी पहले कर चुका है.

बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की से भी रिश्तों में सुधार करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में तुर्की से TB-2 बेरक्तार ड्रोन्स खरीद लिए हैं. इन्हें खरीदकर भारतीय सीमाओं के पास तैनात किया गया है. हालांकि भारतीय सुरक्षा एजेंसी पहले ही इन गतिविधियों को लेकर सतर्क है. ऐसा इसलिए किसी भी खतरे का संकेत मिलते ही तुरंत उसका जवाब दिया जा सके.
लंबे समय तक भर सकता उड़ान
जिन ड्रोन्स को बांग्लादेश ने तुर्की से खरीदा है, वो लंबे समय तक हवा में उड़ान भर सकता है. इसे हाई टेक्नोलॉजी और लंबी दूरी की क्षमताओं के लिए जाना जाता है. अपने टारगेट की हाई इमेजिंग कर सटीक निशाना लगाने में माहिर है. अब तक इस ड्रोन का इस्तेमाल अजरबैजान, यूक्रेन समेत कई देशों ने युद्ध के दौरान किया है. तूर्की बायरकटार (टीबी-2) ड्रोन को तुर्की की कंपनी तैयार करती है. यह ड्रोन लंबे समय तक हवा में रह सकता है. इसे तुर्की सेना के लिए तैयार किया गया था.
कई कैमरे से रखी जाती नजर
आपको बता दें कि ये ड्रोन की रेंज 1600 किमी है. इसके अंदर कई इंफ्रारेड कैमरे इंस्टाल किए गए हैं. इन कैमरों की ही मदद से निगरानी रखने में आसानी होती है. यह ड्रोन समुद्र के अंदर अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. साल 2023 में सबसे पहली बार उड़ान भरी थी. वहीं इन्हीं ड्रोन को भारत की सीमाओं पर बांग्लादेश ने तैनात किया है.
पाकिस्तान से बढ़ा रहा दोस्ती
वहीं बांग्लादेश सिर्फ तुर्की के साथ ही अपने रिश्तों को मजबूत नहीं कर रहा है. बांग्लादेशी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का प्रशासन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के साथ संबंधों को मजबूत करता हुआ देखा गया है. दरअसल पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने भारतीय सीमा के पास रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में चिकन नेक कॉरिडोर भी शामिल है, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए महत्वपूर्ण महत्व की एक संकरी भूमि पट्टी है.