पहले चेहरा नोचा फिर आंखें खाने लगा और वो बस तड़पती रही! जिसे बेटे की तरह पाला वही बना राक्षस
जिसमें 14 साल के ट्रैविस को उसकी मालकिन सैंड्रा हेरोल्ड ने एक बच्चे की तरह पाला था. उसे वाइन पीना सिखाया, माइकवेव में खाना गर्म करना, यहां तक कि इंसानों की तरह टॉयलेट का इस्तेमाल करना भी. लेकिन 16 फरवरी 2009 को ट्रैविस ने वह किया जिसकी कल्पना भी डरावनी लगती है.

वैसे तो आज के समय में ज्यादा तर लोगों को जानकार पालने का शौक हो गया है. अधिकतर घरों में देखा जाता है हर कोई कुत्ता या बिल्ली या खरगोश पालता है. इसके साथ ही आपने ये भी खबर सुनी होगी कभी- कभी वहीं जानवर आपको नुकसान भी पहुंचा देता है. हाल ही में अमेरिका से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है जिसमें एक और चिंपैंजी को बेटे की तरह पालती हैं लेकिन फिर वहीं चिंपैंजी उसके साथ ऐसी हरकत करता है कि जिसे वह सपने में कभी नहीं सोच सकती है और आपको जानकर भी यकीन नहीं होगा आइए जानते हैं...
यह कहानी 2009 में जिसमें 14 साल के ट्रैविस को उसकी मालकिन सैंड्रा हेरोल्ड ने एक बच्चे की तरह पाला था. उसे वाइन पीना सिखाया, माइकवेव में खाना गर्म करना, यहां तक कि इंसानों की तरह टॉयलेट का इस्तेमाल करना भी. लेकिन 16 फरवरी 2009 को ट्रैविस ने वह किया जिसकी कल्पना भी डरावनी लगती है.
डेली स्टार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सैंड्रा द्वारा की गई 12 मिनट की 911 कॉल अमेरिकी इतिहास की सबसे भयावह कॉल में से एक मानी जाती है. "He’s eating her face!" की चीखों के बीच पृष्ठभूमि में ट्रैविस की क्रोधित चिल्लाहटें सुनाई देती है चार्ला नैश उस दिन सिर्फ ट्रैविस को उसके पिंजरे में वापस लाने गई थीं.
पिंजरे में चिंपैंजी ने महिला के साथ क्या किया?
लेकिन चिंपैंजी ने उस पर ही हमला कर दिया और चेहरा, नाक, होंठ, आंखें, और दोनों हाथ बुरी तरह नोच डाले. उनकी आंखें निकाल कर खा गया, जबड़ा खोपड़ी से अलग कर दिया और एक हाथ पूरी तरह से चबा गया. पुलिस को ट्रैविस को गोली मारनी पड़ी. चार्ला ज़िंदा बच गईं, लेकिन उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई.
चार्ला नैश को नहीं पता था कि जिस दरवाज़े पर वो खड़ी हैं, उसके पीछे मौत उनका इंतज़ार कर रही है. वो एक दोस्त की मदद करने आई थीं- ट्रैविस को पिंजरे में वापस ले जाने के लिए. मगर पालतू के नाम पर जो राक्षस सैंड्रा ने पाल रखा था, उसने चार्ला को इंसान नहीं समझा – शिकार समझा.
एक ऐसा हमला, जो कल्पना से परे था- उसका चेहरा नोच डाला, हाथ काट दिए, आंखें खा गया. ज़िंदा रहीं, मगर वो चेहरा, वो जीवन कभी वापस नहीं आया. चार्ला की कहानी डराने वाली है .लेकिन उससे भी ज्यादा दुखद है. उन्होंने इंसानियत दिखाने की कोशिश की, और उसकी कीमत चुकाई एक पूरी ज़िंदगी से. कभी सोचा है, अगर आप किसी की मदद को जाएं और वो आपकी आखिरी मुस्कान बन जाए?