अंतरिक्ष में ट्रैफिक हुआ जाम! अब कब लॉन्च होगा ISRO का SpaDeX मिशन?
ISRO Launch SpaDeX: स्पैडेक्स मिशन या स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट ISRO का बेहद खास मिशन है. इसे 30 दिसंबर की रात 9.58 बजे लॉन्च कियि जाना था, लेकिन अब अंतरिक्ष में ट्रैफिक जाम की वजह से इसमें देरी होगी.

ISRO Launch SpaDeX: अंतरिक्ष में ट्रैफिक जाम है! इसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के लॉन्चिंग को दो मिनट लेट कर दिया. पहले इसे रात 9.58 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब इसे रात 10 बजे लॉन्च होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो के अध्यक्ष डॉ . एस सोमनाथ ने बताया कि उसी ऑर्बिट में अन्य सेटेलाइट के कंजंक्शन के कारण लॉन्चिंग को आगे बढ़ाया गया है. यह पहली बार नहीं है, जब इसरो को रॉकेट की ऑर्बिट और फ्लाइट पाथ में भीड़ के कारण अपने लॉन्चिंग को पोस्टपोन करना पड़ा है.
चंद्रयान-3 भी हुआ था पोस्टपोन
2023 में भारत को लगभग इस तरह के कारणों से अपने चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग को कुछ मिनटों के लिए पोस्टपोन करना पड़ा था. मिशन को लेकर डॉ. सोमनाथ ने कहा, 'इस मिशन की सफलता भारत को न केवल सेटेलाइट के लॉन्चिंग में बल्कि मुश्किल वाले स्पेस मिशन के संचालन में भी एक प्रमुख अंतरिक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगी.'
क्या है इसरो का स्पैडेक्स मिशन?
स्पैडेक्स मिशन में दो उपग्रह, SDX01 (चेज़र) और SDX02 (टारगेट) शामिल हैं, जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में डॉक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसके मुख्य काम अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग है. इसका वजन 220 kg है. डॉकिंग मतलब टेक्नोलॉजी के जरिए स्पेस में दो सेटेलाइट को आपस में जोड़ना है.
अंतरिक्ष यान के छोटे आकार के कारण यह तकनीक विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, जिसके लिए अत्यंत सटीक पैंतरेबाज़ी क्षमताओं की आवश्यकता होती है.
पूरी दुनिया में सिर्फ तीन देश अमेरिका, रूस और चीन के पास ही स्पेस में डॉकिंग तकनीक है. इस मिशन के पूरा होने के साथ ही भारत इसमें चौथा देश बन जाएगा. इस तकनीक के सहारे ही भारत खुद का स्पेस सेंटर स्थापित कर पाएगा. यह 2024 में इसरो का अंतिम मिशन होगा.