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'ये तो सिर्फ अटैक किया, अगली बार तुम्हारे घर से औरतों को...', बांग्लादेश में रची गई नागपुर हिंसा की स्क्रिप्ट!

नागपुर पुलिस साइबर सेल ने हाल ही में हुए नागपुर दंगों का संबंध बांग्लादेश से जुड़े डिजिटल स्रोतों से पाया है. जांच के दौरान, पुलिस को एक फेसबुक अकाउंट मिला, जहां से हिंसा भड़काने की धमकी जारी की गई थी. अब तक 97 सोशल मीडिया पोस्ट आपत्तिजनक और फर्जी पाई गई हैं। इनमें से कई पोस्ट बांग्लादेशी आईपी एड्रेस से संचालित कंप्यूटरों से किए गए थे.

ये तो सिर्फ अटैक किया, अगली बार तुम्हारे घर से औरतों को..., बांग्लादेश में रची गई नागपुर हिंसा की स्क्रिप्ट!
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 20 March 2025 11:47 PM IST

नागपुर पुलिस साइबर सेल ने हाल ही में हुए नागपुर दंगों का संबंध बांग्लादेश से जुड़े डिजिटल स्रोतों से पाया है. जांच के दौरान, पुलिस को एक फेसबुक अकाउंट मिला, जहां से हिंसा भड़काने की धमकी जारी की गई थी. अब तक 97 सोशल मीडिया पोस्ट आपत्तिजनक और फर्जी पाई गई हैं. इनमें से कई पोस्ट बांग्लादेशी आईपी एड्रेस से संचालित कंप्यूटरों से किए गए थे.

बुधवार रात को अफवाह फैलाने के आरोप में चार एफआईआर दर्ज की गईं. नागपुर पुलिस अब तक 200 संदिग्धों की पहचान कर चुकी है, जबकि 1,000 से अधिक अन्य की तलाश जारी है. इस जांच को और तेज करने के लिए 18 विशेष टीमें बनाई गई हैं.

नागपुर में हिंसा कैसे भड़की?

17 मार्च को नागपुर में हिंसा उस समय भड़क गई जब कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने औरंगजेब की मजार हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान मुगल शासक के पुतले जलाए गए, जिससे कुरान के अपमान की अफवाहें फैल गईं. इसके बाद दो समुदायों के बीच संघर्ष छिड़ गया, जिसमें भारी आगजनी, पथराव और पुलिस पर हमले हुए। इस हिंसा में 30 से अधिक पुलिस अधिकारी घायल हो गए, जबकि कई वाहन और संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं.

स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया और 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की. पुलिस ने इस हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फ़हीम शमीम खान को गिरफ्तार किया है. नागपुर पुलिस दंगाइयों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है. अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन कई अन्य फरार हैं.

नागपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कई नए फेसबुक पेज बनाए गए, जिनसे भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट साझा किए जा रहे हैं. पुलिस को ऐसे कई फर्जी अकाउंट्स मिले हैं, जिनका उद्देश्य दंगे को भड़काना और समाज में तनाव फैलाना है. पुलिस की जांच के दायरे में एक "नवाज खान पठान" नामक फेसबुक पेज भी है, जिसकी प्रोफाइल जानकारी छिपी हुई है। इस पेज पर हिंदुस्तानियों के खिलाफ आपत्तिजनक और धमकी भरी पोस्ट डाली गई हैं.

एक पोस्ट में अत्यधिक भड़काऊ भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा गया है. 'Pajeets रोओ मत, ये हमारा समय है. अभी तो सिर्फ अटैक किया, अगली बार तुम्हारे घर से औरतों को उठाएंगे हम. रेडी रखना अपनी औरतों को. इस तरह के घृणास्पद और भड़काऊ बयान समाज में तनाव बढ़ा सकते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और ऐसे भड़काऊ कंटेंट फैलाने वालों पर कार्रवाई की तैयारी में है.

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