झूठे प्रधानमंत्री को क्यों... रिटायर्ड जज ने गडकरी के सामने PM Modi को लेकर क्या-क्या कहा?
हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीजी कोलसे पाटिल ने नितिन गडकरी की तारीफ की और पीएम मोदी की आलोचना की. उन्होंने प्रधानमंत्री को झूठा पीएम कहा. इसके बाद नितिन गडकरी से पीएम पद को संभालने की अपील की. हालांकि केंद्रीय मंत्री ने उनके बयान को नजरअंदाज कर दिया. बता दें कि गडकरी जैसे ही मंच पर पहुंचे तभी उन्होंने सवाल उठाना शुरू कर दिया.

Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शनिवार को मराठा नेता पुरुषोत्तम खेडेकर की 75वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यह कार्यक्रम मराठा सेवा संघ द्वारा आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के एक जज ने प्रधानमंत्री की आलोचना है, जिससे हंगामा मच गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बीजी कोलसे पाटिल ने नितिन गडकरी की तारीख की और पीएम मोदी की आलोचना की. उन्होंने प्रधानमंत्री को झूठा पीएम कहा. इसके बाद नितिन गडकरी से पीएम पद को संभालने की अपील की.
जज ने की पीएम मोदी की आलोचना
बीजी कोलसे पाटिल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि 'हमें झूठ प्रधानमंत्री को क्यों स्वीकार करना पड़ता है, आप वह पद क्यों नहीं ले लेते हैं?' हालांकि केंद्रीय मंत्री ने उनके बयान को नजरअंदाज कर दिया. बता दें कि गडकरी जैसे ही मंच पर पहुंचे तभी उन्होंने सवाल उठाना शुरू कर दिया.
पाटिल ने नितिन गडकरी की तारीख करते हुए कहा कि 'आप अपने भाषणों में समावेशी दिखते हैं. अगर आप इतिहास देखें तो एक भी ब्राह्मण समावेशी नेता नहीं हुआ है.' उन्होंने कहा कि 'आपके पास अवसर है, आप पीएम बन सकते हैं. मुझे आपकी चिंता है. मुझे उम्मीद है कि आप इस मामले में हमें न्याय दिलाएंगे.'
मराठा आरक्षण पर बयान
पाटिल मराठा आरक्षण पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर मराठों को आरक्षण चाहिए तो यह केंद्र सरकार से मिलना चाहिए. महाराष्ट्र के 48 सांसदों को चाहिए कि पीएम मोदी को यह संदेश दें कि अगर मराठों को आरक्षण नहीं दिया गया तो हम आपका समर्थन वापस ले लेंगे. अगर सभी एक हो जाएं तो केंद्र सरकार एक मिनट में आरक्षण देने को तैयार हो जाएगी.
कार्यक्रम में क्या बोले गडकरी?
नितिन गडकरी ने कहा, "जब मैंने शिकायतों की जांच की, तो पाया कि उनके कामों का उद्देश्य समाज की मदद करना था. मैंने उस दौरान उनके खिलाफ लगभग 35 फाइलें खारिज कर दीं." गडकरी ने कहा, "मैं हमेशा उन लोगों को सलाह देता हूं जो सामाजिक कार्य के लिए राजनीति में शामिल होना चाहते हैं कि वे पहले अपने परिवार की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें. यह सौभाग्य की बात है कि खेडेकर राजनीति में शामिल नहीं हुए. अगर वे किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होते, तो वे उसकी पहचान के कारण मशहूर हो जाते. इसके अलावा उन्होंने आम लोगों के लिए काम करके अपनी खुद की ताकत बनाई, जो किसी भी विधायक के प्रभाव से कहीं ज़्यादा है."