कहानी 'गोलकुंडा ब्लू' हीरे की, वह शाही हीरा जो कभी इंदौर के महाराजा की था शान; कीमत इतनी कि...
एक ऐसा हीरा जो भारत की रॉयल विरासत का प्रतीक रहा, जिसकी चमक मुगलों, महाराजाओं और फ्रेंच डिजाइनरों तक फैली. ‘गोलकुंडा ब्लू डायमंड’ (Golconda Blue Diamond) — 23.24 कैरेट का यह नीलापन लिए अनमोल रत्न, दुनिया के सबसे दुर्लभ नीले हीरों में से एक है.

सदी में एक बार बिकने वाला ऐसा हीरा जिसे छूने का ख्वाब भी आम लोग नहीं देख सकते. ‘गोलकुंडा ब्लू’ नामक यह 23.24 कैरेट का नीलापन लिए चमचमाता हीरा कभी भारत के इंदौर रियासत की शाही विरासत का हिस्सा था. अब यह ऐतिहासिक नगीना 14 मई को जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में क्रिस्टीज़ (Christie’s) की “Magnificent Jewels” नीलामी में पेश किया जाएगा, जिसकी अनुमानित कीमत 302 से 431 करोड़ रुपये (35 से 50 मिलियन डॉलर) है.
कहां से आया 'गोलकुंडा ब्लू'?
यह हीरा भारत के तेलंगाना स्थित प्रसिद्ध 'गोलकुंडा खदानों' से निकला था, जिनसे दुनिया के कुछ सबसे दुर्लभ हीरे प्राप्त हुए हैं, जैसे कोह-ए-नूर और होप डायमंड. गोलकुंडा खदानों से निकले हीरे अपनी असाधारण पारदर्शिता और चमक के लिए जाने जाते हैं.
इंदौर के महाराजा की विरासत
इस हीरे का सबसे गौरवशाली अध्याय जुड़ा है इंदौर के महाराजा यशवंतराव होलकर से. 1920-30 के दशक में यह हीरा उनकी निजी शाही ज्वेलरी का हिस्सा था. उनके पिता तुकोजीराव होलकर-3 ने इसे पेरिस के लग्ज़री ब्रांड शोमे (Chaumet) से खरीदा था. बाद में 1933 में यह ज्वेल फ्रेंच डिज़ाइनर माउबुसां (Mauboussin) ने एक लंबे गले के हार में तब्दील किया. यशवंतराव और उनकी पत्नी महारानी संयोगिता बाई की एक मशहूर पेंटिंग में यह हीरा उनके गले में झिलमिलाते हुए दिखता है, जिसे फ्रेंच आर्टिस्ट बर्नार्ड बाउटे ने बनाया था.
शाही हाथों से वैश्विक बाज़ार तक
1946 में इस हीरे को न्यूयॉर्क के ज्वेलर हैरी विंस्टन ने खरीदा. उन्होंने इसे एक ब्रोच में फिट किया जिसमें एक 23 कैरेट का सफेद हीरा भी था. बाद में यह ब्रोच बड़ौदा के महाराजा को बेच दिया गया, लेकिन फिर विंस्टन ने उसे वापस खरीदकर नई डिज़ाइन में बेचा. इसके साथ ही 'गोलकुंडा ब्लू' का भारतीय राजघरानों से रिश्ता समाप्त हो गया. अब दशकों बाद यह बेशकीमती हीरा फिर नीलामी में आ रहा है, एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया की नजरें भारत की शाही विरासत पर टिकी हैं.
कितना खास है यह हीरा?
- यह अब तक नीलामी में गया सबसे बड़ा 'विविड ब्लू' डायमंड है
- दुर्लभ रंग, शाही इतिहास और आकार इसे दुनिया के सबसे कीमती हीरों में शामिल करते हैं
- इसे विश्व प्रसिद्ध ज्वेलरी आर्टिस्ट JAR द्वारा एक आधुनिक अंगूठी में जड़ा गया है
क्रिस्टीज़ के इंटरनेशनल हेड राहुल कडाकिया ने कहा — “ऐसे शाही रत्न जीवन में एक बार ही बाज़ार में आते हैं. इसकी रॉयल विरासत, रंग और आकार इसे नायाब बनाते हैं.”
क्या बनेगा नया रिकॉर्ड?
हालांकि ‘गोलकुंडा ब्लू’ अपनी कीमत के लिहाज से ‘ओपेनहाइमर ब्लू’ (57.5 मिलियन डॉलर) या ‘डी बीयर्स ब्लू’ (57.4 मिलियन डॉलर) को पीछे नहीं छोड़ सकता, फिर भी यह अपनी ऐतिहासिक विरासत और खूबसूरती के कारण नीलामी की सबसे चर्चित वस्तुओं में से एक बन चुका है.
गोलकुंडा हीरों की दुनिया
‘गोलकुंडा ब्लू’ अकेला नहीं है. गोलकुंडा खदानों ने दुनिया को कई अमूल्य हीरे दिए हैं:
- कोह-ए-नूर – ब्रिटिश क्राउन में जड़ा
- होप डायमंड – अमेरिका के स्मिथसोनियन म्यूज़ियम में
- दरिया-ए-नूर – ईरान की शाही विरासत
- प्रिंसी डायमंड – भारत के निजाम से जुड़ा