Delhi Blast के मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी का घर सुरक्षाबलों ने उड़ाया, पुलवामा में किया खास ऑपरेशन
नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास धमाका करने वाले मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी का घर सुरक्षाबलों ने उड़ा दिया। उमर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला 35 साल का डॉक्टर था. डॉ. उमर फरीदाबाद (हरियाणा) की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था. वह आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा इलाके में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने एक खास ऑपरेशन किया. उन्होंने उस घर को पूरी तरह नष्ट कर दिया जहां डॉ. उमर नबी रहता था. डॉ. उमर नबी पर इस हफ्ते की शुरुआत में दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके का मुख्य आरोप है. अधिकारियों का कहना है कि यह कदम आतंकवाद से जुड़ी चल रही जांच का हिस्सा है. इस घर से सबूत मिल सकते थे, इसलिए इसे सुरक्षित तरीके से खत्म करना जरूरी था.
नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के बहुत करीब, मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के बाहर, 10 नवंबर 2025 की शाम करीब 6:52 बजे एक जोरदार धमाका हुआ. यह धमाका एक सफेद रंग की हुंडई i20 कार में हुआ, जो ट्रैफिक सिग्नल पर रुकी हुई थी. धमाका इतना तेज था कि कार के टुकड़े-टुकड़े हो गए, आसपास की कई गाड़ियां जल गईं, दुकानों के शीशे टूट गए और इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इस हादसे में कम से कम 12-13 लोगों की मौत हो गई और 25-30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. कुछ घायलों की हालत अभी भी गंभीर है. मरने वालों में आम लोग, दुकानदार, ई-रिक्शा चालक और बस कंडक्टर शामिल थे. यह दिल्ली में कई सालों बाद इतना बड़ा विस्फोट था, इसलिए पूरे देश में दहशत फैल गई.
घर में विस्फोटक के सबूतों का शक
डॉ. उमर पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला था. वह पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन रेडिकलाइज हो गया था. धमाके के कुछ दिन बाद (14 नवंबर 2025 को) सुरक्षा बलों ने उसके पुलवामा वाले घर पर कंट्रोल्ड ब्लास्ट किया और पूरा मकान नष्ट कर दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि जांच में डर था कि घर में भी कोई विस्फोटक या सबूत छिपे हो सकते हैं. यह ब्लास्ट बहुत सावधानी से किया गया ताकि आसपास के लोगों को नुकसान न हो.
धमाका कैसे और क्यों हुआ?
जांच से पता चला कि कार में हाई इंटेंसिटी आईईडी (घर में बना बम) भरा हुआ था. इसमें अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटक इस्तेमाल किए गए थे. यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि आतंकवादी हमला था. लेकिन बम समय से पहले फट गया, इसलिए ज्यादा बड़ा नुकसान नहीं हुआ. अगर बम पूरी तरह तैयार होता तो बहुत ज्यादा लोग मारे जाते. कार में ड्राइवर अकेला था, डीएनए टेस्ट से कन्फर्म हो गया कि वह डॉ. उमर उन नबी था, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला 35 साल का डॉक्टर था. डॉ. उमर फरीदाबाद (हरियाणा) की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था. वह आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था.





