पर्सनल लोन लेने का बना रहे हैं प्लान तो पहले जान लें ये हिडेन चार्जेस
अगर आप पर्सनल लोन लेने का सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके बड़े काम आ सकती है. दरअसल बैंक लोन के लिए कई तरह की फीस आपसे लेता है. क्योंकि आप भी प्लान कर रहे हैं, तो इसकी जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल बैंक लोन देने के साथ कई तरह के चार्ज लेता है, जिसकी जानकारी आपको देने आए हैं.

अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानकारी आपके बड़े ही काम आने वाली है. दरअसल लोन लेते समय कुछ चीजें जिनका पता होना बहुत जरूरी हो जाता है. जरूरी इसलिए भी क्योंकि अगर वही जानकारी आपको बाद में मिलेगी तो ऐसा लग सकता है कि अब कोई काम की नहीं शायद पहले पता चल जाता तो अच्छा होता.
बैंक आपको लोन देकर आर्थिक समस्या को तो दूर कर देता है. लेकिन इस लोन में लगे हिडन चार्जेस आपकी समस्या में इजाफा कर सकते हैं. दरअसल बैंक लोन देने के साथ कई तरह के चार्ज लेता है, जिसका पता होना आपके लिए जरूरी है. इसमें कई तरह की फीस जैसे लोन प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज समेत और भी कई तरह के चार्ज बैंक आपसे लेता है. आज हम इसी की जानकारी आपको देने वाले हैं.
लोन प्रोसेस के लिए देने होंगे इतने पैसे
अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो उस समय आपको ध्यान रखना होगा कि बैंक प्रोसेसिंग फीस चार्ज करता है. जिसके बाद आपकी लोन एप्लीकेशन को आगे फॉरवर्ड किया जाता है. यह फीस 1 प्रतिशत से 3 प्रतिशत हो सकती है. ध्यान रहे यह फीस नॉन-रिफंडेबल होती है. यानी एक बार अगर आपने यह पैसा दिया तो फिर लोन चाहे हो या न हो बैंक वो पैसा वापस नहीं देगा. वहीं अगर आप पूरा लोन अपने समय से पहले चुका देते हैं. इसपर भी आपको चार्ज देना पड़ेगा. इस चार्ज को फोरक्लोज़र चार्ज कहा जाता है. बैंक 2 से 5 प्रतिशत तक यह चार्ज आपसे ले सकता है.
EMI बाउंस और पार्ट पेमंट
अब कुछ लोग ऐसा भी चाहते हैं कि लोन के कुछ पैसों को पहले ही भर दिया जाए. यानी अगर आपका लोन 5 लाख का है, और आप इसका आधा पहले ही चुका देना चाहते हैं, तो कुछ बैंक इसका भी चार्ज लेते हैं. जिसे पार्ट-पेमंट चार्ज कहा जाता है. आमतौर पर यह चार्ज 1 से 3 प्रतिशत तक हो सकता है. कई बार ऐसा भी होता है कि बैंक अकाउंट में पैसे नहीं होते तो EMI बाउंस हो जाती है. EMI बाउंस का भी बैंक चार्ज लेता है. यह चार्ज 500-1000 रुपये हो सकता है. जितनी बार EMI बाउंस होगी उतनी बार यह चार्ज बैंक आपसे लेगा.
डॉक्यूमेंटेशन के लिए भरने होंगे इतने पैसे
वहीं लोन प्रोसेसिंग के बाद आपसे डॉक्यूमेंट्स को वेरिफाई करने के लिए भी एक चार्ज लिया जा सकता है. जिसे डॉक्यूमेंटेशन फीस कहा जाता है. यह फीस 500 से 2000 रुपये तक के बीच में हो सकती है. कुछ जगहों पर एग्रीमेंट के दौरान स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाती है. यह 0.1% से 0.2% तक हो सकती है. राज्य सरकार द्वारा यह यह तय की जाती है. अगर आप अपने पर्सनल लोन की ब्याज दर को फ्लोटिंग से फिक्स्ड या फिक्स्ड से फ्लोटिंग में बदलना चाहते हैं, तो बैंक 2% से 3% तक का कन्वर्ज़न चार्ज वसूल सकते हैं.
कैंसेलेशन का भी लगता इतना चार्ज
कई बार कुछ लोग लोन लेने के बाद यानी अप्लाई करने के बाद उसे कैंसल करने का फैसला ले लेते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो पहले ही जान ले कि कैंसल करने के भी आपको 3 से 5 हजार रुपये देने पड़ सकते हैं. क्योंकि बैंक कैंसेलेशन चार्ज भी लेता है. इसी के साथ कुछ बैंक NBFCs लोन अप्लाई करने के दौरान ही लॉगइन फीस लेते हैं, जो आमतौर पर 500 से 2000 रुपये तक हो सकती है. इसी तरह अगर आप अपने लोन की कोई जानकारी जानना चाहते हैं या फिर उससे जुड़ा कोई डॉक्यूमेंट चाहते हैं, तो उसका आपको 200 से 500 रुपये तक चार्ज देना पड़ सकता है.