भारत में जल्द दौड़ेंगी मेड इन इंडिया बुलेट ट्रेनें, जापानी तकनीक की बजाय भारतीय रेलवे का नया कदम
भारत में बुलेट ट्रेन चलेगी, यह भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है. रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जापान की बुलेट ट्रेन के बजाय भारत में बनाई गई बुलेट ट्रेनें भविष्य में प्रमुख शहरों के बीच चलेंगी. मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना फिलहाल अपनी निर्धारित समय सीमा से बहुत पीछे चल रही है और इसकी लागत भी कई गुना बढ़ चुकी है, जो अब दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है.

भारत में बुलेट ट्रेन को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है, जो भारतीय रेलवे के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है. जापान की मदद से चल रही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बाद, भारतीय रेल में अब स्वदेश की तकनीक से निर्मित बुलेट ट्रेनें चलने का रास्ता साफ हो गया है. रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जापान की बुलेट ट्रेन के बजाय भारत में बनाई गई बुलेट ट्रेनें भविष्य में प्रमुख शहरों के बीच चलेंगी.
मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना फिलहाल अपनी निर्धारित समय सीमा से बहुत पीछे चल रही है और इसकी लागत भी कई गुना बढ़ चुकी है, जो अब दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है. ऐसे में, रेलवे मंत्रालय ने इस परियोजना से मिली सीख के आधार पर यह फैसला लिया है कि भारत में स्वदेशी बुलेट ट्रेनें चलाई जाएंगी. इसके साथ ही, भारतीय रेलवे अब 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली स्वदेशी बुलेट ट्रेन बनाएगी.
स्वदेशी बुलेट ट्रेन की डिजाइन और बनने की प्रक्रिया
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन का परिचालन खर्च बहुत ज्यादा होता है, जिससे खर्चों में बहुत वृद्धि हो सकती है. ऐसे में, 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली स्वदेशी बुलेट ट्रेन को चलाया जाएगा, जिसे भारतीय रेलवे के इंजीनियरिंग दल द्वारा डिजाइन किया जाएगा. इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ), चेन्नई ने स्वदेशी बुलेट ट्रेन की डिजाइन तैयार करने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जिससे यह परियोजना जल्द ही चालू होगी.
भारत के प्रमुख शहरों के बीच बुलेट ट्रेन रूट्स
इस परियोजना के तहत कई प्रमुख शहरों के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे. इन रूट्स पर बुलेट ट्रेनें चलेंगी, जिनमें दिल्ली-वाराणसी (865 किमी), दिल्ली-अहमदाबाद (886 किमी), नागपुर-वाराणसी, दिल्ली-चंडीगढ़, चेन्नई-मैसूर और हैदराबाद-बेंगलुरु शामिल हैं. इन रूट्स के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और रेलवे इन शहरों के बीच ऐलिवेटेड हाई स्पीड कॉरिडोर बनाएगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटे होना सबसे सही है, जबकि स्वदेशी बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, लेकिन इसके कमर्शियल परिचालन में 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार रखी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी बुलेट ट्रेन का डिजाइन वंदे भारत के प्लेटफार्म पर विकसित किया जाएगा, जिससे भारतीय तकनीक को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया जाएगा.