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'जय श्री राम' कहने में गुनाह कैसा? कर्नाटक की मस्जिद में नारे लगाने वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने बदरिया जुमा मस्जिद में जबरन प्रवेश करने और 'जय श्री राम' के नारे लगाने के दो आरोपियों के खिलाफ मामला रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर कर्नाटक सरकार से जवाब मांगा है.

जय श्री राम कहने में गुनाह कैसा? कर्नाटक की मस्जिद में नारे लगाने वाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट
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Supreme Court
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 16 Dec 2024 5:50 PM IST

Supreme Court: कर्नाटक से एक मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसमें दो लोगों पर आरोप है कि पहले तो वह मस्जिद में घूसे और फिर 'जय श्री राम' का नारा लगाया. मामले को कर्नाटक हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया, जिसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. इस पर कोर्ट ने कर्नाटक की सरकार से जवाब तो मांगा ही है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि 'जय श्री राम' का नारा लगाना क्राइम कैसे हैं?

जस्टिस हृषिकेश रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया और मामले की सुनवाई अगले महीने तय की है. दो जस्टिस की इस वाली पीठ में शामिल जस्टिस संदीप मेहता ने पूछा, 'ठीक है, वे एक खास धार्मिक नारा लगा रहे थे, लेकिन यह अपराध कैसे हो सकता है?'

CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी गिरफ्तार

हाईकोर्ट के फैसले पर अपीलकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत ने पीठ बताया कि किसी अन्य के पूजा स्थल पर धर्म का नारा लगाना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत अपराध माना जाएगा.

कोर्ट ने इसके बाद पूछा कि क्या आरोपियों की पहचान कर ली गई है और क्या सामग्री रिकॉर्ड पर लाई गई है? तो कामत ने बताया कि CCTV फुटेज मौजूद हैं, जिससे दोनों आरोपियों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया. हालांकि, कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्हें मस्जिद के पास देखा जाना यह दर्शाता है कि उन्होंने नारे लगाए थे? कामत ने कहा कि मामले में पुलिस को जांच करनी चाहिए और सबूत रिकॉर्ड पर लाने चाहिए.

क्या है पूरा मामला?

शिकायत के मुताबिक, कथित घटना सितंबर 2023 में उत्तर कन्नड़ जिले के ऐथूर गांव के मर्दाला में बदरिया जुम्मा मस्जिद के परिसर में हुई थी, जब शिकायतकर्ता और एक अन्य व्यक्ति मस्जिद के कार्यालय में बैठे थे. रात करीब 10.30 बजे दो अजनबी परिसर में घुसे और नारे लगाने से पहले मस्जिद कैंपस से बाहर निकल गए और बाइक पर सवार होकर तेजी से भाग गए.

घटना CCTV में कैद हो गई, जिसके बाद मामला दर्ज कराया गया और 25 सितंबर, 2023 को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. 13 सितंबर 2024 को कर्नाटक हाई कोर्ट ने मामले को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि शिकायत या दर्ज मामले में लगाए गए आरोपों में कथित अपराधों के तत्वों का खुलासा नहीं किया गया है.

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