'मां के साथ ही रहेगा अतुल सुभाष का बेटा', पोते की मांग कर रहे दादा-दादी को सुप्रीम कोर्ट से झटका
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी मां को सौंप दी है. इससे बच्चे की कस्टडी की मांग कर रही दादी अंजू देवी को निराशा का सामना करना पड़ा. अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी प्राप्त करने के लिए याचिका दायर की थी. इससे पहले, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान बच्चे को आधे घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था.

अतुल सुभाष का 4 वर्षीय बेटा अब अपनी मां निकिता सिंघानिया के पास ही रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी मां को सौंप दी है. इससे बच्चे की कस्टडी की मांग कर रही दादी अंजू देवी को निराशा का सामना करना पड़ा. अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी प्राप्त करने के लिए याचिका दायर की थी. इससे पहले, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान बच्चे को आधे घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था.
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश शर्मा की पीठ ने कहा, "हम बच्चे को देखना चाहते हैं, उसे पेश करें." सुनवाई के दौरान बताया गया कि बच्चे ने हरियाणा के एक स्कूल से पढ़ाई छोड़ दी और अपनी मां के साथ रह रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.
बच्चे के लिए अजनबी है दादी
इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने देवी की कस्टडी याचिका को खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि वह "बच्चे के लिए अजनबी" हैं. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और एन कोटिस्वर सिंह ने टिप्पणी की थी कि हिरासत के मामलों को उचित ट्रायल कोर्ट में सुलझाया जाना चाहिए. बेंच ने कहा था कि यह कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है. अगर आप चाहें तो कृपया बच्चे से मिल लें. कस्टडी के लिए अलग प्रक्रिया है.
क्या है पूरा मामला?
34 वर्षीय अतुल सुभाष को पिछले साल 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालू स्थित उनके घर में लटका हुआ पाया गया था. उनके द्वारा छोड़े गए 24 पन्नों के सुसाइड नोट और 80 मिनट के वीडियो में उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर झूठे आरोप लगाने और कानूनी विवाद के लिए बड़ी रकम की मांग करने का आरोप लगाया था. उनके परिवार ने न्याय की मांग जारी रखी है. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अतुल का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं. अतुल की मां अंजू देवी ने कहा कि पोते की परवरिश करके वह अपने दिवंगत बेटे की याद को बनाए रख सकेंगी.