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राहुल गांधी को राहत! सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले पर लगाई रोक, अमित शाह पर की थी टिप्पणी

SC ने झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता नवीन झा को नोटिस जारी कर गांधी की याचिका पर जवाब मांगा है. गांधी ने अपनी याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के फरवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था.

राहुल गांधी को राहत! सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले पर लगाई रोक, अमित शाह पर की थी टिप्पणी
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 Jan 2025 2:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड की अदालत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ लंबित मानहानि मामले में कार्रवाई पर रोक लगा दी. यह मामला 2018 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ उनकी कथित ‘हत्या’ वाली टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और शिकायतकर्ता नवीन झा को नोटिस जारी कर गांधी की याचिका पर जवाब मांगा है. गांधी ने अपनी याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के फरवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें निचली अदालत द्वारा जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था.

वकील ने क्या दिया तर्क?

कांग्रेस नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि यह मामला किसी तीसरे पक्ष द्वारा दायर किया गया था, जो मानहानि के अपराध के तहत कानूनी रूप से मान्य नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर आप पीड़ित व्यक्ति नहीं हैं, तो शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रॉक्सी का सहारा कैसे ले सकते हैं?

क्या था मानहानि का मामला?

2019 के लोकसभा चुनावों से पहले चाईबासा में एक सार्वजनिक भाषण के दौरान गांधी ने अमित शाह को कथित तौर पर 'हत्यारा” कहा था. इस टिप्पणी को लेकर भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा ने गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. रांची के न्यायिक आयुक्त ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें शिकायत को खारिज किया गया था. मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया गया कि वे रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य के आधार पर मामले की समीक्षा करें और नए आदेश जारी करें. 2018 में मजिस्ट्रेट अदालत ने पाया कि गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 के तहत कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं. इसके बाद गांधी को अदालत में पेश होने के लिए नए समन जारी किए गए.

राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में किया था चैलेंज

कांग्रेस नेता ने इस आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी. हालांकि, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने गांधी की याचिका खारिज कर दी और कहा कि उनकी टिप्पणी प्रथम दृष्टया 'अपमानजनक' दिख रही है. न्यायमूर्ति अंबुज नाथ ने अपने फैसले में कहा कि गांधी की टिप्पणी से यह संकेत मिलता है कि भाजपा नेता 'सत्ता के नशे में चूर' हैं और हत्या के आरोपी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में स्वीकार करते हैं. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह आरोप प्रथम दृष्टया अपमानजनक है.

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