दबदबा है और रहेगा... खेल मंत्रालय ने WFI का निलंबन हटाया, अध्यक्ष संजय सिंह को मिली पूरी पावर
सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का निलंबन हटा दिया और अध्यक्ष संजय सिंह को पूर्ण नियंत्रण सौंप दिया. यह निर्णय खेल मंत्रालय द्वारा WFI के अनुपालन उपायों और स्पॉट सत्यापन समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया. अब WFI को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में पुनः मान्यता मिल गई है, जिससे भारतीय कुश्ती की गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो सकेंगी.

खेल मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का निलंबन हटा दिया और इसके अध्यक्ष संजय सिंह को पूर्ण नियंत्रण सौंप दिया. संजय सिंह, भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं, जिन पर महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे. सरकार ने 24 दिसंबर 2023 को WFI को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को इसकी कार्यप्रणाली संभालने के लिए तदर्थ समिति गठित करने का निर्देश दिया था.
मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि स्पॉट सत्यापन समिति की रिपोर्ट और WFI द्वारा किए गए अनुपालन उपायों को ध्यान में रखते हुए, साथ ही भारतीय खेलों और एथलीटों के व्यापक हित को देखते हुए, महासंघ का निलंबन तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है. इसके साथ ही WFI को कुश्ती के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) के रूप में दोबारा मान्यता दे दी गई है.
बृजभूषण शरण सिंह ने क्या कहा?
बीजेपी नेता और WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यह संघर्ष करीब 26 महीने तक चला और आज कुश्ती महासंघ को सरकार ने बहाल कर दिया है. हम सरकार और खेल मंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं. अगर इससे किसी को नुकसान हुआ है तो वो खिलाड़ी और जूनियर खिलाड़ी हैं. जो साजिशकर्ता इसमें शामिल थे, उनकी मंशा पूरी नहीं हुई. हम तो यही कहेंगे कि महासंघ को पहले होने वाले सभी कुश्ती टूर्नामेंट कराने चाहिए.
कब हुआ था निलंबन?
दिसंबर 2023 में यह निलंबन तब लगाया गया था जब संजय सिंह के नेतृत्व वाले पैनल ने WFI का चुनाव जीतने के तीन दिन बाद ही पदभार संभाल लिया था. खेल मंत्रालय ने महासंघ पर मनमानी करने और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था. इस फैसले को लेकर बृजभूषण शरण सिंह का नाम सामने आया था, लेकिन उन्होंने इससे अपना कोई संबंध होने से इनकार किया था.
बोर्ड नहीं कर रहा था काम
सरकार का कहना था कि नया बोर्ड पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहा था और पुराने निलंबित पदाधिकारियों के प्रभाव में था. मंत्रालय ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए WFI की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी. इसके बाद मंत्रालय ने निर्देश दिए कि यदि महासंघ सही दिशा में काम करता है तो निलंबन हटाने पर विचार किया जा सकता है.
पहलवानों के लिए है खुशखबरी
WFI ने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अपने कामकाज में बदलाव किए, जिसके बाद खेल मंत्रालय ने निलंबन हटाने का फैसला लिया. हालांकि, अभी महासंघ को राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) का पूर्ण दर्जा नहीं मिला है. लेकिन इस फैसले से भारतीय पहलवानों के लिए कुश्ती के क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए अवसर खुल गए हैं.