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दुश्मनों को पल भर में कर देगा नेस्तनाबूद, जानें ब्रह्मोस से लैस INS तमाल की खासियत

भारतीय नौसेना को जल्द ही अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट INS तमाल मिलने वाला है, जो ब्रह्मोस मिसाइल, टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन हथियारों से लैस होगा. यह युद्धपोत रूस में बना है और ‘मेक इन इंडिया’ से पहले भारत की आखिरी विदेशी नौसेना खरीद होगी. इसकी तैनाती से भारत की समुद्री सीमा सुरक्षा और रणनीतिक प्रभाव में जबरदस्त इजाफा होगा.

दुश्मनों को पल भर में कर देगा नेस्तनाबूद, जानें ब्रह्मोस से लैस INS तमाल की खासियत
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नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 6 May 2025 3:40 PM

भारत तेजी से अपनी समुद्री ताकत को आधुनिक और आत्मनिर्भर बना रहा है. इसी दिशा में एक बड़ा कदम है मल्टी-रोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS तमाल का नौसेना में आगमन. यह युद्धपोत न सिर्फ हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए नौसेना को तकनीकी रूप से और दक्ष बनाएगा. INS तमाल का निर्माण रूस के यांतर शिपयार्ड में हुआ है, लेकिन इसकी रणनीतिक दृष्टि पूरी तरह भारतीय सोच से प्रेरित है.

INS तमाल की सबसे बड़ी ताकत है उसकी बहुआयामी लड़ाकू क्षमता. इसे खासतौर पर दुश्मन की पनडुब्बियों को ट्रैक और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें एंटी-सबमरीन रॉकेट्स, टॉरपीडो और दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से लैस किया गया है. इसकी गति 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे तक पहुंचती है, और यह एक बार में लगभग 3000 किलोमीटर तक ऑपरेशन कर सकता है. ये दुश्मनों को पानी ही नहीं हवा में भी दुश्मनों की कब्र बना देगा.

जल्द भारत को सौंपा जाएगा

2016 में भारत और रूस के बीच जो रक्षा समझौता हुआ था, उसके तहत INS तमाल सहित चार क्रिवाक-III क्लास के युद्धपोतों का निर्माण तय हुआ था. INS तुशील पहले ही भारतीय नौसेना का हिस्सा बन चुका है, जबकि तमाल अब मई 2025 के अंत तक भारत को सौंपा जाएगा. वहीं, बाकी दो फ्रिगेट्स INS त्रिपुट और INS तवास्या को भारत में गोवा शिपयार्ड में बनाया जा रहा है, जिससे घरेलू निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है.

समुद्र की सतह से लेकर गहराई तक नियंत्रण

INS तमाल की डिजाइन इस तरह की गई है कि यह सतह पर मौजूद दुश्मन युद्धपोतों से लेकर समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियों तक से मुकाबला कर सके. इसका रडार प्रोफाइल बेहद कम है, जिससे यह रडार पर पकड़ में नहीं आता. यही इसकी 'स्टेल्थ' विशेषता है. इस जहाज पर एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया जा सकता है, जो निगरानी और त्वरित जवाबी कार्रवाई की क्षमता को और बढ़ाता है.

भारतीय नौसेना की अंतिम विदेशी खरीद

INS तमाल भारतीय नौसेना का आखिरी ऐसा युद्धपोत है जिसे विदेश से आयात किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब से सभी युद्धपोत भारत में ही डिज़ाइन और निर्मित किए जाएंगे. यह नीति ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की रक्षा क्षेत्र में गहरी पैठ को दर्शाती है. भविष्य की नौसेना न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगी, बल्कि पूरी तरह स्वदेशी भी होगी.

सुरक्षा नहीं, शक्ति का प्रदर्शन

पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव जरूर है, लेकिन भारत की तैयारी केवल जवाबी हमले के लिए नहीं, बल्कि एक व्यापक समुद्री शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए है. INS तमाल जैसे युद्धपोत यह दर्शाते हैं कि भारत अब किसी भी संभावित युद्ध की प्रतिक्रिया में नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति के तहत अपनी सेनाओं को आधुनिक बना रहा है. भारत की यह सोच केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि हिंद महासागर में निर्णायक उपस्थिति के लिए है.

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