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उपराष्ट्रपति चुनाव की रेस तेज, शशि थरूर बोले- परिणाम लगभग तय, NDA के पास स्पष्ट बहुमत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है, इसलिए परिणाम लगभग तय है. उन्होंने विपक्ष से सलाह-मशविरा करने की उम्मीद जताई, लेकिन भरोसा नहीं जताया. चुनाव 9 सितंबर को होगा, जिसमें केवल सांसद वोट करेंगे. उसी दिन नतीजे भी घोषित होंगे.

उपराष्ट्रपति चुनाव की रेस तेज, शशि थरूर बोले- परिणाम लगभग तय, NDA के पास स्पष्ट बहुमत
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( Image Source:  ANI )

जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि यह पहले से ही तय है कि परिणाम सत्तारूढ़ भाजपा-नीत एनडीए के पक्ष में ही जाएगा.

थरूर ने पत्रकारों से कहा, “हमें पता है कि यह वही होगा जिसे सत्ताधारी दल नामित करेगा, क्योंकि हम पहले से ही निर्वाचक मंडल की संरचना को जानते हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष से भी सलाह ली जाएगी, लेकिन इसका भरोसा कौन दे सकता है?



कांग्रेस से टकराव और मोदी सरकार से करीबी!

केरल से सांसद थरूर पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी कांग्रेस के साथ कथित टकराव को लेकर चर्चा में हैं. हाल ही में उन्हें मोदी सरकार ने उस बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया, जो पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का आतंकवाद-विरोधी संदेश विदेशों तक पहुंचाने गया था.


ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में नहीं बोले थरूर

कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई थी कि उन्हें पार्टी से बिना पूछे चुना गया, साथ ही विदेश दौरे पर थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ को भी लेकर नाराज़गी जताई गई. यहां तक कि संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस में भी कांग्रेस ने थरूर को वक्ता नहीं बनाया. इस पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ 'मौनव्रत' कहकर जवाब दिया था.

धनखड़ का इस्तीफा और चुनाव की प्रक्रिया

ध्यान देने वाली बात है कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया था, और इस कदम के पीछे के कारण अब तक अटकलों का विषय बने हुए हैं. इस्तीफे के समय उनके कार्यकाल के दो साल से अधिक समय बाकी थे. उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा. अगर आवश्यक हुआ, तो मतदान संसद भवन के पहले तल पर स्थित वसुधा हॉल (कक्ष संख्या एफ-101) में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच कराया जाएगा. परिणाम उसी दिन घोषित किए जाएंगे.

कैसा है उपराष्ट्रपति चुनाव का गणित?

थरूर ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में उपराष्ट्रपति का चुनाव अलग होता है. इसमें केवल संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, के सदस्य ही वोट देते हैं. राज्यसभा के नामित सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं. मतदान के लिए कुल निर्वाचक मंडल में 233 निर्वाचित और 12 नामित राज्यसभा सदस्य, तथा 543 लोकसभा सदस्य होते हैं. वर्तमान में राज्यसभा में 5 और लोकसभा में 1 स्थान रिक्त है, जिससे प्रभावी निर्वाचक मंडल की संख्या 782 हो जाती है. हालांकि संख्या बल में NDA को स्पष्ट बढ़त है, फिर भी थरूर ने विपक्ष से परामर्श की आशा जताई.

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