164 दिन बाद न्याय! दरिंदे संजय रॉय को मिली उम्रकैद की सजा, आरजी कर रेप-मर्डर कांड में कोर्ट का बड़ा फैसला
RG Kar Doctor Case Verdict: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप के दोषी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट में लाया गया, जहां कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि चूंकि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है, इसलिए दोषी को मौत की सजा नहीं सुनाई गई है.

RG Kar Doctor Case Verdict: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप के दोषी संजय रॉय को सियालदह सेशन कोर्ट में लाया गया, जहां कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है, इसलिए दोषी को मौत की सजा नहीं सुनाई गई है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस पर 50 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही ट्रेनी डॉक्टर के परिवार को 10 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया है. कोर्ट ने 18 जनवरी 2025 को संजय रॉय को मामले में सबूत के आधार पर दोषी करार दिया था.
आदेश सुनाए जाने के समय कोर्ट ने संजय रॉय से कहा कि वह इस मामले में दोषी है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उसके लिए मौत की सजा मांगी है. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि चूंकि ये मामले रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस नहीं है, जैसा कि जांच एजेंसी कह रही है.' जस्टिस ने आगे कहा, 'इसलिए मौत की सजा नहीं, बल्कि दोषी को उम्रकैद की सजा दी जाती है. दोषी को पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये देने होंगे.'
पीड़िता के पिता ने पैसे लेने से किया इनकार
हालांकि पीड़िता डॉक्टर के पिता फैसले के समय कोर्ट में मौजूद थे. उन्होंने आरोपी से 17 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया और कहा कि वह केवल न्याय चाहते हैं. इस पर जस्टिस ने कहा, 'यह कानून के मुताबिक है, इसीलिए मैंने आरोपी को आपको यह राशि देने का आदेश दिया है.'
दोषी संजय ने खुद को बताया था निर्दोष
रेप के आरोपी संजय रॉय सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट रूम में जज के सामने गिड़गिड़ाता रहा. सुनवाई के दौरान जब जस्टिस अनिरबन दास ने कहा कि तुम दोषी करार दिए जा चुके हो. तुम पर हत्या और रेप का आरोप साबित हो चुका है. अब इस पर तुम क्या कहना चाहोगे? इस पर दोषी संजय रॉय ने कहा कि मुझसे सारे डॉक्यूमेंट्स पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए गए हैं. मैं बिल्कुल निर्दोष हूं.
BNS की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी है संजय
कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया है. BNS की धारा 64 (बलात्कार) के तहत कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है. धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार वानस्पतिक अवस्था में पहुंचाने के लिए सजा) के तहत कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है. BNS की धारा 103(1) (हत्या) में अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है.