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इसे कहते हैं भाव है भाव! Jaishankar ने आंखों से आंखें मिला कहा- पहले हरकतें सुधारो PAK तभी हवा बदलेगी

विदेश मंत्री ने बैठक में पाक और भारत के रिश्ते पर बात की. उन्होंने कहा कि अगर दोस्ती कम हो गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से इसके पीछे कोई बड़ी वजह है.

इसे कहते हैं भाव है भाव! Jaishankar ने आंखों से आंखें मिला कहा- पहले हरकतें सुधारो PAK तभी हवा बदलेगी
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( Image Source:  Credit- ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 16 Oct 2024 1:16 PM IST

S Jaishankar Visit Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों पाकिस्तान दौरे पर हैं. वह शंघाई ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन की 23वीं बैठक में शामिल होने के लिए पाक गए हैं. बुधवार को उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच अगर विश्वास की कमी है तो जरूर कोई कमी रही होगी.

विदेश मंत्री ने बैठक में पाक और भारत के रिश्ते पर बात की. उन्होंने कहा कि अगर दोस्ती कम हो गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से इसके पीछे कोई बड़ी वजह है. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद और अलगावाद पर भी लताड़ा है.

पाक की लगाई क्लास

विदेश मंत्री ने SCO शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 'आतंकवाद, अलगावाद और कट्टरवाद से बचना होगा.' उन्होंने कहा कि अच्छे रिश्ते के लिए भरोसा और सबकी संप्रभुता का सम्मान करना जरूरी है. विदेश मंत्री ने कहा, 'ऐसा कई समस्याएं हैं, जो विकास को प्रभावित करती हैं, जिसमें क्लाइमेट, सप्लाई चैन, वित्तीय अस्थिरता शामिल हैं.' सम्मेलन का पहला लक्ष्य आतंकवाद, अलगावाद और उग्रवाद का मुकाबला करना है और आज के समय में यह महत्वपूर्ण हो गया है.

भारत से रिश्ते पर पाक करे विचार

विदेश मंत्री ने कहा कि अगर राष्ट्रों के बीच दोस्ती कम हो गई है और अच्छे पड़ोसी की भावना कहीं गायब है, तो आत्मनिरीक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा, "अगर हम चार्टर की शुरुआत से लेकर आज की स्थिति तक तेजी से आगे बढ़ते हैं, तो ये लक्ष्य और ये कार्य और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इसलिए, यह जरूरी है कि हम ईमानदारी से बातचीत करें." उन्होंने कहा कि समान रूप से, यह केवल तभी संभव है जब हम चार्टर के प्रति अपनी पूरी ईमानदारी से दिखाएं, तभी हम सहयोग और एकीकरण के लाभों को पूरी तरह से महसूस कर सकते हैं, जिसकी इसमें परिकल्पना की गई है."

CPEC पर जताई चिंता

विदेश मंत्री ने सम्मेलन में CPEC की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर हम दुनिया की चुनिंदा प्रथाओं को ही आगे बढ़ाएंगे खासकर व्यापार और व्यापारिक मार्गों के लिए तो SCO का विकास नहीं होगा. यह परियोजना के पाक के कब्जे वाले कश्मीर से होकर निकलती है, जिसे भारत अपना अभिन्न अंग मानता है. मंत्री ने कहा कि एससीओ देशों को आगे बढ़ाने की जरूरत है. इसलिए सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए. क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए न कि एतरफा एजेंडे को.

UNSC में सुधार की जरूरत

एस जयशंकर ने SCO शिखर सम्मेलन में UNSC को भी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि SCO को कोशिश करनी चाहिए कि वैश्विक संस्थाएं रिफॉर्म्स के साथ कदम मिलाकर चलना चाहिए. प्रयास ये होना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भागीदारी बढ़ाई जाए.

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