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अपनी बेटियों के साथ Russian सालों से इस भारत के गुफा में कर रही थी... पुलिस पहुंची तो खुला ये राज

कर्नाटक के गोकर्णा में पुलिस ने एक रूसी महिला नीना कुटीना और उसकी दो बेटियों (6 और 4 वर्ष) को एक खतरनाक पहाड़ी गुफा से रेस्क्यू किया. महिला का दावा था कि वह ध्यान और साधना के लिए गोवा से गोकर्णा आई थी. गुफा भूस्खलन और जहरीले जीव-जंतुओं से भरे इलाके में थी.

अपनी बेटियों के साथ Russian सालों से इस भारत के गुफा में कर रही थी... पुलिस पहुंची तो खुला ये राज
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 12 July 2025 6:00 PM IST

कर्नाटक के गोकर्ण स्थित रामतीर्थ पहाड़ी पर एक खतरनाक गुफा में रह रही एक रूसी महिला और उसकी दो नाबालिग बेटियों को पुलिस ने बचाया है. यह मामला तब सामने आया जब 9 जुलाई की शाम 5 बजे गोकर्ण पुलिस इंस्पेक्टर श्रीधर एस.आर. अपनी टीम के साथ पहाड़ी क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए गश्त कर रहे थे. इसी दौरान एक दुर्गम और भूस्खलन संभावित क्षेत्र में उन्होंने एक गुफा में हलचल देखी और जब पास जाकर देखा तो वहां 40 वर्षीय रूसी नागरिक नीना कुटिना अपनी दो बेटियों प्रेमा (6 वर्ष 7 माह) और अमा (4 वर्ष) के साथ रह रही थीं.

ध्यान और साधना के लिए जंगल को चुना

पूछताछ में नीना ने बताया कि वह गोवा से गोकर्ण आई हैं और शहरी जीवन के शोर से दूर ध्यान व साधना करने के लिए इस गुफा में रह रही थीं. उनका दावा था कि वह मानसिक शांति की तलाश में थीं, लेकिन पुलिस को बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता हुई.

खतरे से भरा इलाका, जहां पहले हो चुका है भूस्खलन

रामतीर्थ पहाड़ी का इलाका बेहद खतरनाक है. जुलाई 2024 में यहां एक बड़ा भूस्खलन हुआ था और यह क्षेत्र जहरीले सांपों और जंगली जानवरों का ठिकाना भी माना जाता है. पुलिस ने महिला को समझाया और तीनों को सुरक्षित नीचे उतारकर, उनके अनुरोध पर कुमटा तालुक के बांकीकोडला गांव में स्थित 80 वर्षीय सन्यासिनी स्वामी योगरत्ना सरस्वती के आश्रम में भेजा.

वीजा और पासपोर्ट पर उठे सवाल

जब महिला से दस्तावेजों के बारे में पूछा गया तो वह टालमटोल करने लगीं. पुलिस, महिला कल्याण अधिकारी और आश्रम प्रमुख के सहयोग से बाद में उसने बताया कि उसके दस्तावेज गुफा में ही कहीं खो गए हैं. सर्च ऑपरेशन के बाद उसका पासपोर्ट और वीजा दस्तावेज मिल गया. जांच में सामने आया कि नीना बिजनेस वीजा पर भारत आई थीं जिसकी वैधता 17 अप्रैल 2017 तक थी. 2018 में उन्हें FRRO, गोवा द्वारा एग्जिट परमिट जारी किया गया था लेकिन वह नेपाल होकर भारत में फिर दाखिल हुईं और वीजा की अवधि से अधिक रहीं.

अब करवार महिला आश्रय गृह में है मां-बेटियां

वर्तमान में महिला और उसकी बेटियों को करवार के महिला रेस्पशन सेंटर में संरक्षण में रखा गया है. उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक ने बेंगलुरु स्थित FRRO को रिपोर्ट भेज दी है और जल्द ही तीनों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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