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हर पांचवीं मौत पैदल चलने वालों की! हैरान कर रहा है रोड एक्सीडेंट का यह आंकड़ा

Road Accidents: भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. यूपी में 44 हजार सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 23 हजार 650 लोगों की मौत हुई.

हर पांचवीं मौत पैदल चलने वालों की! हैरान कर रहा है रोड एक्सीडेंट का यह आंकड़ा
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( Image Source:  Freepik )

Road Accidents: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport Minister Nitin Gadkari) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले हर पांचवें व्यक्ति की मौत पैदल चलने से होती है. उन्होंने बताया कि 2023 में हुई मौतों में 45 प्रतिशत मौतें दोपहिया वाहन चलाने वालों की हुई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.71 लाख से अधिक लोग मारे गए. उनमें से लगभग 35 हजार पैदल यात्री थे.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नितिन गड़करी ने बताया कि सालाना लगभग पांच लाख दुर्घटनाएं दर्ज की जाती हैं. पिछले साल मारे गए लोगों में से लगभग 10,000 लोग 18 वर्ष से कम उम्र के थे. लगभग 35,000 सड़क दुर्घटनाएं स्कूलों और कॉलेजों के बाहर के इलाकों में हुईं.

हेलमेट न पहनने के कारण 54 लोगों की हुई मौत

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि करीब 54 हजार मौतें दोपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट न पहनने के कारण, 16 हजार मौतें सीटबेल्ट न पहनने के कारण और 12 हजार लोगों की मौत वाहनों में ओवरलोडिंग के कारण हुई. लगभग 34 हजार दुर्घटनाएं बिना लाइसेंस के गाड़ी चला रहे ड्राइवरों की वजह से हुईं.

यूपी में सबसे ज्यादा मौतें

नितिन गडकरी ने कहा कि दुनिया में सबसे ज़्यादा सड़क दुर्घटनाएं भारत में होती हैं. इनमें से सबसे ज़्यादा मौतें यूपी में दर्ज की जाती हैं. यूपी में 44 हजार सड़क दुर्घटनाएं हुईं और 23 हजार 650 लोग मारे गए. इनमें से 1800 मौतें 18 साल से कम उम्र के लोगों की और 10,000 पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन सवारों की हुईं. यूपी में तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाने की वजह से 8726 मौतें हुईं.

लोगों में नहीं है कानून का डर

केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयासों के बावजूद उनमें इजाफा हो रहा है, क्योंकि लोगों में न तो कानून के प्रति सम्मान है और न ही डर. उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढे हैं... पर्याप्त अंडर पास और फुटओवर ब्रिज नहीं हैं. हमने ब्लैक स्पॉट की पहचान की है और इन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करके ठीक किया जा रहा है. दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगा कर उन्हें ठीक किया जा सकता है.

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