मांगों पर अड़े डॉक्टरों का जारी है विरोध प्रदर्शन, SC ने काम पर वापस लौटने का दिया था आदेश
कोलकाता रेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मंगलवार को डॉक्टरों का विरोध जारी रहा. इस पर CM ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को विरोध खत्म करने को कहा

कोलकाताः कोलकाता रेप और हत्या मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर तक अपने काम पर वापसी लौटने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन यदि डॉक्चटर अपने कार्यों पर वापसी नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही करने से कोर्ट उन्हें रोक नहीं पाएगा. डॉक्टरों की अनुपस्थिति उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बन सकती है. वहीं आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष डॉक्टर अनिकेत मंडल कने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे. इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार के बाद भी मंगलवार को डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा.
स्थिति सामान्य चाहके हैं लेकिन मांगे जयज हैं
अस्पताल के अध्यक्ष आरडीए मंडल ने एएनआई से कहा, "हम भी सामान्य स्थिति चाहते हैं, लेकिन हमारी मांग जायज है, इसलिए राज्य को यह मांग माननी चाहिए और अगर यह मान ली जाती है, तभी हम काम पर लौटेंगे. हमारी मांग है कि सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाए, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति बनाई जाए और संदीप घोष को निलंबित किया जाए." प्रदर्शनकारी डॉक्टर सीबीआई से आरजी कर बलात्कार और हत्या की घटना के पीछे के मकसद, संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे और पश्चिम बंगाल तथा पूरे भारत में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे में आश्वासन के बारे में प्रतिक्रिया मांग रहे हैं.
शाम 5 बजे तक का दिया समय
इस हत्या मामले का विरोध जता रहे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में जूनियर डॉक्टर सौम्यदीप रॉय ने अपनी मांगों को एक बार फिर से दोहराते हुए कहा कि यदि हमारी मांगे शाम 5 बजे तक मान ली जाती है तो हम अपने कार्य पर वापसी लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि . हम आरजी कर बलात्कार और हत्या की घटना के मकसद, घटना में शामिल लोगों की जानकारी, संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे, पश्चिम बंगाल और पूरे भारत में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के बारे में सीबीआई से सकारात्मक प्रतिक्रिया चाहते हैं. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ आम नागरिक और डॉक्टर विरोध कर रहे हैं. पीड़िता 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी.
डॉक्टरों के विरोध के कारण लोगों को हो रही समस्या
वहीं इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी की ओर से सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करते हुए डॉक्टरों से काम पर वापसी लटने का आग्रह किया गया. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों द्वारा अपने कर्तव्य से विरत रहने की मानवीय कीमत बढ़ती जा रही है. इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों से यह सवाल करते हुए कहा कि डॉक्टरों के विरोध के कारण इस बार, हुगली के हरिपाल के एक व्यक्ति को उस उपचार से वंचित कर दिया गया जिसकी उसे सख्त जरूरत थी. हमने हमेशा विरोध के पीछे की चिंताओं को स्वीकार किया है, लेकिन चिकित्सा बिरादरी द्वारा इस अवसर पर आगे आने और अपना कर्तव्य पूरा करने से पहले और कितने लोगों की जान जानी चाहिए?"
One tragedy after another – the human cost of doctors abstaining from their duty is mounting.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 10, 2024
This time, a man from Haripal, Hooghly, lost his life after being denied the treatment he desperately needed.
We have always acknowledged the concerns behind the protests, but how many… pic.twitter.com/QoDgIJO2rV
CM ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से किया आग्राह
वहीं सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से अपने-अपने कार्य पर वापसी लौटने का आग्रह किया. दरअसल सीएम द्वारा इस मामले पर सोमवार को समीक्षा बैठक की गई. जहां बैठक में उन्होंने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से तुरंत काम पर लौटने का अनुरोध किया है. मैं भी अनुरोध करती हूं कि वे ड्यूटी पर लौट आएं, और अगर वे मुझसे मिलना चाहते हैं, तो उनका हमेशा स्वागत है."