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RG Kar case: जांच के दौरान कर बैठे ये गलती, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत एक पुलिस अधिकारी को CBI ने किया गिरफ्तार

RG Kar case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या मामले में साबाआई तेजी से जांच कर रही है. इस बीच एजेंसी ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत एक पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है.

RG Kar case: जांच के दौरान कर बैठे ये गलती, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत एक पुलिस अधिकारी को CBI ने किया गिरफ्तार
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Sandip Ghosh arrested
सचिन सिंह
by: सचिन सिंह

Updated on: 15 Sept 2024 12:12 PM IST

RG Kar case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Sandip Ghosh) और एक पुलिस अधिकारी को पिछले महीने हुए रेप और मर्डर केस मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इन दोनों पर जांच के दौरान एजेंसी को गुमराह करने का आरोप है. वहीं पूर्व प्रिंसिपल पर पहले से ही अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था.

सीबीआई ने अस्पताल के पास के ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल (Abhijit Mondal) को भी गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने ही अस्पताल के चौथी मंजिल के सेमिनार रूम में 31 वर्षीय डॉक्टर का शव मिलने के बाद अपराध स्थल पर टीमें भेजी थीं. सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता के दो और पुलिस अधिकारी सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. जांच एजेंसी मामले के संबंध में ताला पुलिस स्टेशन के एक सब-इंस्पेक्टर से भी पूछताछ कर रही है.

घटना के समय संदीप घोष थे आरजी कर के प्रिंसिपल

पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष 9 अगस्त को अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद जांच के दायरे में आए थे. घटना के समय संदीप घोष आरजी कर के प्रिंसिपल थे. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 2 सितंबर को संदीप घोष को गिरफ्तार किया. सुप्रीम कोर्ट ने भी भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई जांच के आदेश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ संदीप घोष की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था.

जांच के दौरान यह पाया गया कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने 10 अगस्त को घटनास्थल वाले सेमिनार रूम के पास एक शौचालय को ध्वस्त करने का आदेश दिया था. दोनों क्षेत्रों के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया था. इसलिए यह संदेह है कि महत्वपूर्ण सबूत मिटा भी दिए गए थे. वहीं प्रदर्शन के आड़ में कुछ अराजक तत्व ने भी अस्पताल से सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की थी. जिसके बाद अस्पताल की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए गए थे.

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