Republic Day 2025: कब शुरू होगी परेड, क्या है थीम, जानें इस दिन से जुड़ी खास बातें
भारती की आजादी के दो साल बाद विचार-विमर्श के बाद संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया. हालांकि, इसका कार्यान्वयन 26 जनवरी 1950 को हुआ, जिसने भारत को एक गणतांत्रिक देश बनाया.

हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोहों में से एक है. यह अवसर 1950 में भारतीय संविधान के लागू होने का प्रतीक है, जिसने राष्ट्र को एक गणतंत्र के रूप में स्थापित किया. भारत के गणतंत्र बनने की यात्रा ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान शुरू हुई.
हालांकि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली, लेकिन राष्ट्र ने शुरू में ब्रिटिश कानून के तहत काम किया. लेकिन देश को अपने खुद के कानूनी ढांचे की जरूरत थी, जो इसके लोकतांत्रिक सिद्धांतों और विविध विरासत को मूर्त रूप दे. आजादी के दो साल बाद संविधान बनाया गया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. चलिए जानते हैं परेड की थीम से लेकर मुख्य अतिथि तक के बारे में.
क्यों चुना गया ये दिन?
क्या आपने कभी सोचा है कि गणतंत्र दिवस के लिए इस दिन को ही क्यों चुना गया? 26 जनवरी का चुनाव ऐतिहासिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. 1930 में इसी दिन जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता संग्राम की घोषणा की थी.
कौन होंगे मुख्य अतिथि?
इस बार गणतंत्र दिवस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो परेड में मुख्य अतिथि होंगे. नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इंडोनेशिया से 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड दल 26 जनवरी, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों के साथ कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में हिस्सा लेंगे.
परेड की थीम
इस साल अलग-अलग राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों की 31 झांकियां भाग लेंगी, जो "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" थीम पर आधारित होंगी. राष्ट्रगान के बाद भारतीय संविधान के 75वें वर्ष के आधिकारिक लोगो के बैनर वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे. कार्यक्रम का समापन 47 विमानों द्वारा फ्लाईपास्ट के साथ होगा.
कब शुरू कार्यक्रम होगा?
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत होगी सुबह 10:00 बजे कर्त्तव्य पथ पर होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल परपुष्पांजलि अर्पित करेंगे. वहीं, राष्ट्रपति औपचारिक बग्गी में कर्त्तव्य पथ पर पहुंचेंगे और औपचारिक मार्च पास्ट के दौरान सलामी लेंगे, जिसमें सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, सहायक नागरिक बलों, एनसीसी और एनएसएस की इकाइयां शामिल होंगी.
परेड की शुरुआत
गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत देश के विभिन्न भागों के 300 सांस्कृतिक कलाकार 'सारे जहां से अच्छा' म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाकर करेंगे. इंस्ट्रूमेंट के समूह में शहनाई, सुंदरी, नादस्वरम, बीन, मशक बीन, रणसिंह राजस्थान, बांसुरी, करदी माजलू, मोहुरी, शंख, तुतारी, ढोल, गोंग, निशान, चंग, ताशा, संबल, चेंडा, इडक्का, लेज़िम, थविल, गुदुम बाजा, तालम, मोनबाह आदि जैसे विंड और ताल पर्क्यूशन इंस्ट्रूमेंट का मिश्रण शामिल है.
कितनी होंगी झाकियां?
26 जनवरी को राजसी कर्त्तव्य पथ पर 90 मिनट की परेड में देश से एक मार्चिंग टुकड़ी और बैंड भी वार्षिक उत्सव में भाग लेंगे. कुल मिलाकर 18 मार्चिंग टुकड़ियां, 15 बैंड और 31 झांकियां होंगी.