RCB की जीत पर किसने दिया मौत को न्योता? बिना पुलिस मंजूरी के जश्न बना जानलेवा! बेंगलुरु भगदड़ के Top 10 Updates
RCB की IPL 2025 जीत के बाद बेंगलुरु में आयोजित विजय जुलूस बिना पुलिस की मंजूरी के किया गया, जिससे भारी भीड़ उमड़ी और भगदड़ मच गई. सूत्रों के मुताबिक, RCB ने पुलिस की चेतावनी और अनुमति प्रक्रिया को नजरअंदाज कर फ्री एंट्री का एलान किया.

IPL 2025 के फाइनल से पहले 3 जून को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) प्रबंधन ने बेंगलुरु सिटी पुलिस से जीत के बाद विजय जुलूस निकालने की अनुमति मांगी थी. लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसके बाद टीम प्रबंधन ने बिना किसी आधिकारिक मंजूरी के ही 5 जून को सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा कर दी.
RCB के आधिकारिक हैंडल से किया गया ट्वीट तेजी से वायरल हो गया और कुछ ही घंटों में इसे एक मिलियन से ज्यादा लोगों ने देख लिया. इसके चलते भारी संख्या में लोग आयोजन स्थल पर जुटने लगे, जिससे हालात बेकाबू हो गए और भारी भगदड़ की स्थिति बन गई.
पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि टीम प्रबंधन ने न तो उचित सुरक्षा प्लान पर बात की और न ही आयोजन से पहले फोर्स तैनाती या भीड़ नियंत्रण को लेकर सलाह ली थी. अधिकारियों का कहना है कि अगर आयोजन से पहले पुलिस से समन्वय किया जाता, तो इस त्रासदी को टाला जा सकता था.
बेंगलुरु पुलिस ने स्व-प्रेरणा (सुओ मोटो) से RCB, राज्य क्रिकेट बोर्ड और DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला बुधवार को हुए भगदड़ की जांच के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए. DNA एंटरटेनमेंट ने RCB की IPL विजय समारोह का प्रबंधन किया था, जबकि कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने इस आयोजन का आयोजन किया था, राज्य सरकार के अनुसार, प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (FIR) के अलावा, कर्नाटक सरकार द्वारा नियुक्त जिला मजिस्ट्रेट जी जगदीशा ने आज बताया कि KSCA, बेंगलुरु मेट्रो और RCB फ्रेंचाइजी को भी नोटिस भेजे जाएंगे.
RCB परेड से जुड़ा पूरा विवाद- 10 बड़े पॉइंट्स
- IPL फाइनल से पहले RCB मैनेजमेंट ने बेंगलुरु पुलिस से परेड की मंज़ूरी के लिए संपर्क किया था. बुधवार को बेंगलुरु में हुए भगदड़ मामले में बेंगलुरु पुलिस ने स्व-प्रेरणा (सुओ मोटो) से RCB, राज्य क्रिकेट बोर्ड और DNA एंटरटेनमेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
- 4 जून को RCB ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से टाइम और वेन्यू के साथ परेड का एलान कर दिया, जबकि पुलिस की अंतिम सहमति नहीं ली गई थी.
- RCB के इस ट्वीट को कुछ ही घंटों में 1 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया, जिससे फैन्स में भारी उत्साह और भीड़ उमड़ पड़ी.
- बेंगलुरु पुलिस ने टीम को पहले ही सलाह दी थी कि परेड 4 जून को न हो, इसे रविवार तक टाल दिया जाए.
- RCB ने "Free Passes (Limited Entry)" की घोषणा की, लेकिन इस पर भी कोई कंट्रोल सिस्टम नहीं रखा गया, जिससे भीड़ बेलगाम हो गई.
- पुलिस ने कम से कम रजिस्ट्रेशन सिस्टम रखने की सिफारिश की थी, लेकिन इसे नजरअंदाज़ कर दिया गया.
- पुलिस की तरफ से कार्यक्रम टालने और बेहतर सुरक्षा की मांग की गई थी, पर सरकार ने इसे दरकिनार कर दिया.
- RCB की जीत के बाद 3 जून की रात 4 बजे तक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर थे. अगली सुबह ही उन्हें एक और भारी इवेंट के लिए लगाया गया.
- फैंस के अचानक उमड़ने और प्रशासनिक गड़बड़ी के चलते पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पूरी नहीं कर सकी.
- RCB मैनेजमेंट, पुलिस और सरकार के बीच समन्वय की कमी ने विजय परेड को दुखद हादसे में बदल दिया.