मुंबई में गड्ढे दिखते हैं, पर अपने राज्य की हालत नहीं दिखती... राज ठाकरे ने प्रवासियों पर फिर कसा तंज
राज ठाकरे ने मुंबई की गड्ढों की समस्या को लेकर प्रवासियों पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी की और कहा कि बाहर से आने वाले लोग सिर्फ गड्ढे देखते हैं, लेकिन अपने राज्यों की खस्ता हालत नहीं देखते. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर ट्रैफिक और पार्किंग जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की. यह बैठक BEST चुनाव में शिवसेना (UBT)-MNS गठबंधन की हार के बाद हुई है. इस बीच स्थानीय निकाय चुनावों से पहले उद्धव और राज ठाकरे के संभावित राजनीतिक समीकरणों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
Raj Thackeray migrants patholes remark: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को एक बार फिर अप्रवासी मुद्दे पर तंज कसा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरे राज्यों से मुंबई आते हैं, उन्हें यहां सिर्फ गड्ढे दिखते हैं, लेकिन अपने पूरे राज्य की हालत गड्ढे जैसी नहीं दिखती.”
राज ठाकरे और फडणवीस की यह मुलाकात दक्षिण मुंबई स्थित सीएम आवास पर हुई. MNS प्रमुख ने इसे ट्रैफिक और पार्किंग जैसी शहरी समस्याओं पर केंद्रित बताया.
“पार्किंग और ट्रैफिक जैसी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा”
राज ठाकरे ने कहा, “शहर लगातार बढ़ रहे हैं, नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं, लेकिन पार्किंग और ट्रैफिक जैसी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. भीड़ और अव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है.” इस दौरान मुंबई पुलिस कमिश्नर और ट्रैफिक जॉइंट कमिश्नर भी मौजूद थे.
21 में से एक भी सीट नहीं जीत सका UBT और MNS का संयुक्त पैनल
यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब ठाकरे भाइयों (राज और उद्धव) को BEST एम्प्लॉयीज़ को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (UBT) और MNS का संयुक्त पैनल 21 में से एक भी सीट जीतने में नाकाम रहा. हाल ही में उद्धव और राज ठाकरे ने 'मराठी अस्मिता' और हिंदी भाषा थोपे जाने के मुद्दे पर साझा मंच भी किया था. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में दोनों दल हाथ मिला सकते हैं.
“बाहरी लोगों की बाढ़ ने मुंबई की रेलवे व्यवस्था को चरमरा दिया है”
गौरतलब है कि जून में दो लोकल ट्रेनों से गिरकर चार लोगों की मौत के बाद भी राज ठाकरे ने बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था, “बाहरी लोगों की बाढ़ ने मुंबई की रेलवे व्यवस्था को चरमरा दिया है. असली समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.”
“सड़कें खराब हैं, हर जगह ट्रैफिक जाम है”
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि सिर्फ रेलवे ही नहीं बल्कि मुंबई-पुणे समेत कई शहर अव्यवस्था से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा, “सड़कें खराब हैं, हर जगह ट्रैफिक जाम है. आग लगने पर फायर इंजन भी वक्त पर नहीं पहुंच पाता.”





