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झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए... कांग्रेस ऑफिस के बाहर लगे राहुल गांधी के पोस्टर; जानें बीजेपी ने क्या कहा

केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल करने का फैसला किया है. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पोस्टरों के जरिए इसे अपनी जीत बताया. दिल्ली में लगे पोस्टरों में लिखा गया, "कहा था ना, मोदी जी को जाति जनगणना करवानी ही पड़ेगी!" राहुल ने फैसले का स्वागत किया लेकिन टाइमलाइन की मांग भी रखी. उन्होंने इसे जनता और विपक्ष के दबाव का नतीजा बताया.

झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए... कांग्रेस ऑफिस के बाहर लगे राहुल गांधी के पोस्टर; जानें बीजेपी ने क्या कहा
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 1 May 2025 12:32 PM IST

राष्ट्रीय जनगणना में जाति आधारित डेटा संग्रह को मंजूरी मिलने के बाद देश की राजनीति में नई हलचल देखी गई. जहां केंद्र सरकार के इस फैसले को कई दलों ने सामाजिक न्याय की दिशा में अहम कदम बताया, वहीं कांग्रेस ने इसे अपनी जीत के तौर पर पेश किया. दिल्ली में पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे राहुल गांधी के पोस्टरों ने यह संकेत दिया कि कांग्रेस इस फैसले को अपनी राजनीतिक दृढ़ता का परिणाम मान रही है.

इन पोस्टरों में राहुल गांधी की तस्वीर के साथ लिखा गया, "कहा था ना, मोदी जी को 'जाति जनगणना' करवानी ही पड़ेगी, हम करवा कर रहेंगे!" एक तरह से यह बयान सीधे तौर पर भाजपा पर दबाव की राजनीति का दावा करता है. पोस्टरों के ज़रिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि सरकार को यह फैसला कांग्रेस और सहयोगी दलों के जन दबाव और सतत मांगों के चलते लेना पड़ा. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यालय के बाहर लालू यादव और तेजस्वी यादव को भी बधाई देने वाले पोस्टर लगे, जिससे संकेत मिलता है कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुटता दिखा रहा है.

केंद्र के फैसले का स्वागत: राहुल

राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में केंद्र के फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही एक ठोस टाइमलाइन की मांग भी रखी. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पहला कदम है और असली सामाजिक सुधार के लिए इसे समयबद्ध रूप से लागू करना ज़रूरी है. उनके अनुसार, सरकार की इस घोषणा के पीछे विपक्षी दलों की निरंतर मांग और जन समर्थन ने मुख्य भूमिका निभाई. राहुल ने स्पष्ट रूप से कहा कि "हमने दिखाया कि सरकार को झुकाया जा सकता है."

जातिगत जनगणना हमारी प्राथमिकता

इसके साथ ही राहुल गांधी ने कांग्रेस के पहले से तय रुख को दोहराया. उन्होंने कहा, “हमने संसद में स्पष्ट किया था कि जातिगत जनगणना हमारी प्राथमिकता है. साथ ही, हमने यह भी कहा था कि आरक्षण की 50% की सीमा एक कृत्रिम दीवार है, जिसे हटाना होगा.” गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्व में दिए गए बयानों की ओर इशारा करते हुए पूछा कि अचानक 11 साल बाद जाति जनगणना की याद कैसे आ गई?

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बीजेपी ने कांग्रेस को जाति जनगणना पर घेरा

बीजेपी ने आगामी जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है, खासकर उस समय जब कांग्रेस इसका राजनीतिक श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस यह क्यों नहीं बता रही कि जब उनके पास दशकों तक सत्ता थी, तब उन्होंने जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाई. उन्होंने कांग्रेस के नारे "सरकार तुम्हारी, व्यवस्था हमारी" पर तंज कसते हुए कहा कि अगर सच में व्यवस्था कांग्रेस की थी, तो वे इतने सालों में सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम क्यों नहीं उठा पाए?

नेहरू की नीति पर उठाए सवाल

प्रधान ने खास तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करते हुए कहा कि वे जाति आधारित आरक्षण के कट्टर विरोधी थे और यही वजह है कि 1951 की जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने उस समय राज्य सरकारों को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि जाति आधारित अवसर गुणवत्ता को प्रभावित करेंगे. प्रधान ने कहा कि अगर अंबेडकर और गांधी जैसे नेताओं ने सामाजिक न्याय को मुद्दा न बनाया होता, तो कांग्रेस की राजनीति में यह विषय शायद कभी नहीं आता. बीजेपी ने कांग्रेस से जवाब मांगा है कि उन्होंने दशकों तक इस विषय पर चुप्पी क्यों साधे रखी थी.

राहुल गांधी
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