कभी 'फिलिस्तीन' तो कभी 'बांग्लादेश'! आखिर क्या संदेश देना चाह रही हैं प्रियंका गांधी?
Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी की 'बैग पॉलिटिक्स' ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. एक दिन पहले वो 'फिलिस्तीन' लिखा बैग लेकर पहुंची थी, तो दूसरे दिन वह 'बांग्लादेश' लिखा बैग लेकर संसद के बाहर विरोध जताया. ऐसे में राजनीति में एंट्री के साथ ही प्रिंयका ने अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

Priyanka Gandhi: संसद में एक दिन पहले 'फिलिस्तीन' लिखे अपने हैंडबैग को लेकर पहुंची कांग्रेस नेता और लोकसभा की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था और सत्ता पक्ष इसे लेकर उनकी आलोचना कर रहा था.
ऐसे में मुद्दे को पलट कर रख देने की राजनीति करने वाली प्रियंका ने दूसरे दिन ही यानी 17 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर की जा रही जुल्म के खिलाफ नारा लिखा एक नया बैग लेकर सांसद पहुंचीं, जहां उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर विरोध जताया.
'बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हों'
प्रियंका के बैग पर लिखा था, 'बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हों.' उनका ये विरोध इस साल की शुरूआत में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हुई हिंसा को लेकर था.
प्रियंका गांधी के 'बैग पॉलिटिक्स' ने विपक्षी सांसदों को एकजुट किया और वो भी प्रियंका के साथ इसी तरह का बैग लेकर पहुंचे. इस दौरान प्रियंका ने सरकार से बांग्लादेश में हो रहे हिंदूओं पर अत्याचार को लेकर कदम उठाने की मांग की.
'बैग पॉलिटिक्स' पर प्रियंका
प्रियंका ने कहा, 'सरकार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और ईसाइयों दोनों पर हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाना चाहिए. हमें बांग्लादेश सरकार के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए और पीड़ित लोगों की सहायता करनी चाहिए.'
जब प्रियंका गांधी से उनके 'फिलिस्तीन' बैग को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अब मैं क्या कपड़े पहनूंगी, यह कौन तय करेगा? यह कौन तय करेगा? आप यह भी तय करते हैं कि महिलाएं क्या पहनें. मैं ऐसा नहीं मानतीं मैं वही पहनूंगी जो मैं चाहती हूं.'
प्रियंका की इस राजनीति के पीछे का राज
फिलिस्तीन को लेकर भारत में समय-समय पर आवाज उठते रहे हैं. ऐसे में प्रियंका की इस राजनीति को समझना भी अहम है. उन्होंने इन दो दिनों और दो घटनाओं से दो निशाना लगाया है. एक तो फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले भारतीय वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश की है और दुसरा ये कि बांग्लादेश अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाकर भारत के हिंदू वोटर्स को भी लुभाने की कोशिश की है. इसके पीछे का कारण ये भी है कि कांग्रेस पर लगातार मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगता रहा है. उनके ऐसे कदम इन आरोपों को धोने का काम कर सकते हैं.
भाजपा का तीखा हमला
कई भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया और इसे घरेलू मुद्दों की जगह विदेश में हो रही घटनाओं को प्रायोरिटी देने का आरोप लगाया. BJP नेता अनुराग ठाकुर ने एनडीटीवी से कहा, 'यह भारतीय संसद है. 140 करोड़ भारतीयों की चिंताओं को उठाने के लिए देश भर से सांसद यहां चुने जाते हैं. सबसे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगाया और अब प्रियंका गांधी संसद में फिलिस्तीन का बैग लेकर आई हैं.'
भारत ने फिलिस्तीन को की है मदद
भारत ने फिलिस्तीन को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. सरकार ने फिलिस्तीन को मानवीय सहायता भी भेजी है. संघर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक भारत सरकार ने दवाओं सहित लगभग 70 मीट्रिक टन राहत सामग्री भेजे हैं और फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक का मदद किया है.