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हिंदी भाषा विवाद को लेकर इस राज्य में सियासी घमासान? केंद्र और स्टालिन के बीच आरोप- प्रत्यारोप

तमिलनाडु में द्रविड़ पार्टियां हमेशा से सिर्फ दो-भाषा (तमिल और अंग्रेजी) नीति की समर्थक रही हैं. हिंदी को थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाता है. राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा का विरोध – NEP के तहत स्नातक प्रवेश के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित है, जिसका राज्य सरकार विरोध कर रही है.

हिंदी भाषा विवाद को लेकर इस राज्य में सियासी घमासान? केंद्र और स्टालिन के बीच आरोप- प्रत्यारोप
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 21 Feb 2025 11:38 PM

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर जारी विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर हमला करने को लेकर उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर पलटवार किया. उन्होंने साफ किया कि तमिलनाडु केवल दो-भाषा नीति का पालन करेगा और राज्य सरकार केंद्र से सिर्फ उनके द्वारा दिए गए करों में उचित हिस्सा मांग रही है.

उदयनिधि स्टालिन ने कहा, 'हम अपना वैध कर हिस्सा, जो लगभग 2,150 करोड़ रुपये है, मांग रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार चाहती है कि हम NEP और तीन-भाषा नीति को स्वीकार करें. तमिलनाडु हमेशा से तीन-भाषा नीति का विरोध करता रहा है, तो इसमें राजनीति करने की बात कहां से आ गई?' उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा तमिलों का अधिकार है और केंद्र को इसे समझना चाहिए. द्रमुक नेता ने यह भी कहा कि असली राजनीति कौन कर रहा है, यह जनता को समझना चाहिए.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को पत्र लिखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के विरोध पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि NEP को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए और यह नीति भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करते हुए शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों तक ले जाने का प्रयास करती है.

प्रधान ने यह भी स्पष्ट किया कि 'किसी भी राज्य या समुदाय पर कोई भाषा नहीं थोपी जाएगी., क्योंकि भाषाई स्वतंत्रता NEP का प्रमुख सिद्धांत है. उन्होंने तर्क दिया कि तमिलनाडु में इस नीति का विरोध छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को अपार अवसरों से वंचित कर सकता है.

स्टालिन का कड़ा जवाब

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर NEP के खिलाफ अपनी आपत्तियों को दोहराया। उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान (SSA) और पीएम श्री स्कूलों को NEP से जोड़ना अस्वीकार्य है.

उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि जब तक तमिलनाडु NEP 2020 को लागू नहीं करेगा, तब तक राज्य को SSA फंड से वंचित किया जाएगा. स्टालिन ने केंद्र सरकार से 2,152 करोड़ रुपये की तुरंत जारी करने की मांग की और धर्मेंद्र प्रधान की टिप्पणी को ब्लैकमेलिंग करार दिया. कुड्डालोर में एक सरकारी कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा, "क्या यह राजनीति नहीं है कि आप त्रिभाषा लागू करने की शर्त पर फंड जारी करेंगे? क्या हिंदी थोपना राजनीति नहीं है? शिक्षा में राजनीति कौन कर रहा है - आप या हम?"

NEP का तमिलनाडु में विरोध क्यों?

तीन-भाषा फॉर्मूले का विरोध – तमिलनाडु में द्रविड़ पार्टियां हमेशा से सिर्फ दो-भाषा (तमिल और अंग्रेजी) नीति की समर्थक रही हैं. हिंदी को थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाता है. राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा का विरोध – NEP के तहत स्नातक प्रवेश के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा प्रस्तावित है, जिसका राज्य सरकार विरोध कर रही है.

स्वायत्तता और वित्तीय अधिकार – राज्य सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार वित्तीय सहायता को NEP लागू करने की शर्त से जोड़कर राज्यों के अधिकारों का हनन कर रही है. राजनीतिक रणनीति – तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में DMK इस मुद्दे को "भाषा और पहचान की लड़ाई" के रूप में पेश कर रही है ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके.

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