Begin typing your search...

संसद में सियासी तूफान तय! मॉनसून सत्र आज से शुरू, विपक्ष के इन सवालों में उलझ जाएगी मोदी सरकार?

21 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने वाला है. विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप के दावे और बिहार की वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. सरकार ने सभी सवालों का जवाब देने की बात कही है. पहले दिन से ही टकराव के आसार हैं.

संसद में सियासी तूफान तय! मॉनसून सत्र आज से शुरू, विपक्ष के इन सवालों में उलझ जाएगी मोदी सरकार?
X
( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 21 July 2025 6:48 AM

संसद का मानसून सत्र आज, यानी 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र को लेकर माहौल बेहद गर्म है, न सिर्फ सियासी गलियारों में, बल्कि जनता के बीच भी. विपक्ष पूरी तैयारी के साथ मैदान में है और जिन सवालों ने अभी तक सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस या टीवी डिबेट में तूफान खड़ा किया था, वे अब संसद की दीवारों से टकराने जा रहे हैं. विपक्ष ने साफ कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद संसद में जवाब देना होगा.

इस बार बहस केवल नीतिगत नहीं, बल्कि राजनीतिक साख और संवैधानिक गंभीरता से जुड़ी है. विपक्ष ने मोदी सरकार को पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर की अचानक रोक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित दावों, बिहार में वोटर वेरिफिकेशन और अहमदाबाद प्लेन हादसे को लेकर कठघरे में खड़ा करने की ठान ली है. मुद्दे गरम हैं और संसद में टकराव लगभग तय है.

विपक्ष किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा?

  • पहलगाम आतंकी हमला: विपक्ष सुरक्षा चूक और खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगा.
  • ऑपरेशन सिंदूर: इसके अचानक रोके जाने के पीछे क्या रणनीति थी? इसमें अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठेंगे.
  • डोनाल्ड ट्रंप का दावा: ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 20 से ज्यादा बार भारत-पाक युद्ध रुकवाया - क्या ये भारत की विदेश नीति पर विदेशी हस्तक्षेप का संकेत है?
  • बिहार में वोटर वेरिफिकेशन (SIR): चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में विशेष संशोधन पर पारदर्शिता को लेकर गहरे सवाल.
  • अहमदाबाद प्लेन हादसा: हादसे के लिए पायलट को दोषी ठहराना कितना न्यायोचित है, विपक्ष इस पर तीखे सवाल उठाएगा.

सत्र के पहले दिन क्या होगा?

  • प्रधानमंत्री सुबह 10:15 बजे देंगे पारंपरिक उद्घाटन बयान.
  • लोकसभा में इनकम टैक्स बिल पर बनी सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट टेबल की जाएगी.
  • बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में हफ्ते भर की योजना तय होगी.
  • जस्टिस वर्मा पर महाभियोग को लेकर निर्णय संभावित.
  • दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.

सरकार का एजेंडा क्या है?

  • इनकम टैक्स बिल 2025: जेपीसी की रिपोर्ट के बाद इस सत्र में पारित कराने की योजना.
  • मणिपुर GST संशोधन बिल: राज्य कानून को केंद्रीय कानून के अनुरूप बनाने की पहल.
  • जन विश्वास विधेयक: व्यापार सुधार और अनुपालन सुगमता पर केंद्रित.
  • IIM संशोधन बिल: IIM गुवाहाटी को कानूनी मान्यता दिलाने की दिशा में.
  • कराधान कानूनों में संशोधन: टैक्स नियमों को आसान और पारदर्शी बनाना उद्देश्य.
  • भू-धरोहर संरक्षण विधेयक: भारत की भूवैज्ञानिक धरोहरों की सुरक्षा का प्रयास.
  • खनिज एवं खनन संशोधन बिल: दुर्लभ खनिजों की खोज और नियम तय करना.
  • राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक: खेल निकायों में जवाबदेही तय करना.
  • राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संशोधन: भारत को WADA मानकों के अनुरूप लाना.
  • मणिपुर में राष्ट्रपति शासन विस्तार: 13 फरवरी से लागू शासन के विस्तार पर मतदान संभव.

विपक्ष के तीन बड़े सवाल

  • ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर अमेरिका की भूमिका क्या थी?
  • अहमदाबाद विमान हादसे में पायलट को दोषी कैसे ठहराया गया?
  • बिहार में SIR की क्या जरूरत थी और इसकी पारदर्शिता पर सरकार क्या कहेगी?

सदन से सड़क तक दबाव

कांग्रेस और विपक्षी INDIA गठबंधन के 24 दलों ने सत्र से ठीक पहले बैठक कर यह तय किया कि संसद के हर दिन को जनहित के मुद्दों से जोड़ा जाएगा. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक स्वीकार करनी होगी. विपक्ष एक संयुक्त रणनीति के तहत हर बड़े मसले को पूरे दमखम से उठाएगा. सरकार की तरफ से मुद्दों को टालने या घुमा-फिराकर जवाब देने की कोई भी कोशिश विपक्ष को और आक्रामक बना सकती है.

विपक्ष को भी मिलेगा जवाब

सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील की है. उनका कहना है कि अगर विपक्ष रचनात्मक सहयोग देगा, तो हर सवाल का जवाब सदन में दिया जाएगा. सरकार इस सत्र को "विकास" और "सुधारों" के प्रतीक के रूप में देखना चाहती है. लेकिन सामने विपक्ष की ऐसी दीवार है, जो नारे और नाराज़गी से बनी है. यह सत्र बताने वाला है कि क्या संसद केवल बहस का मंच रहेगी या वाकई जवाबदेही का भी.

India News
अगला लेख