अमेरिका बना सबसे महंगा डेस्टिनेशन, मोदी की हर विदेश यात्रा की कीमत करोड़ों में, MEA ने संसद में दिया पूरा हिसाब
विदेश यात्राओं पर खर्च एक पहलू है, लेकिन उससे मिले राजनयिक लाभ, व्यापार समझौते, और वैश्विक सहयोग भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं. अब देश यही जानना चाहता है कि क्या हर करोड़ का खर्च भारत के हित में निवेश साबित हो रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं हमेशा चर्चा में रहती हैं. जहां एक ओर सरकार इन यात्राओं को भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने का माध्यम बताती है, वहीं विपक्षी पार्टियां इन पर होने वाले खर्च को लेकर सवाल उठाती रही हैं.
विपक्षी दलों का आरोप है कि इन यात्राओं पर जनता का पैसा फिजूल खर्च किया जा रहा है. हालांकि सरकार का तर्क है कि ये यात्राएं भारत के रणनीतिक, व्यापारिक और कूटनीतिक हितों के लिए बेहद ज़रूरी हैं. इस बहस के बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने संसद में एक लिखित जवाब में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर होने वाले खर्च का विस्तृत ब्योरा पेश किया.
2021 से 2024 तक 295 करोड़ रुपये का खर्च
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, साल 2021 से लेकर 2024 तक प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं पर कुल 295 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसमें भी साल-दर-साल खर्च में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली: जहां 2021में 36 करोड़, 2022 में 55 करोड़, 2023 में 93 करोड़ और 2024 में 100 करोड़ का खर्च आया. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि कोविड-19 के बाद जब अंतरराष्ट्रीय यात्राएं फिर से शुरू हुईं, तो प्रधानमंत्री की सक्रियता भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ती गई.
9 यात्राओं का खर्च अभी लंबित
साल 2025 में प्रधानमंत्री ने अब तक कम से कम 14 देशों की यात्राएं की हैं, जिनमें से पांच देश फ्रांस, अमेरिका, थाईलैंड, श्रीलंका और सऊदी अरब की यात्राओं पर खर्च का ब्यौरा सार्वजनिक किया गया है. इन पांच यात्राओं पर कुल 66.8 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसमें फ्रांस में 25.5 करोड़, अमेरिका में16.5 करोड़, सऊदी अरब में15.5 करोड़, थाईलैंड 4.9 करोड़ और श्रीलंका 4.4 करोड़ का खर्च आया. वहीं, बाकी 9 देशों की यात्राओं पर खर्च की डिटेल अभी तैयार की जा रही है.
अमेरिका सबसे महंगा डेस्टिनेशन
2021 से लेकर अब तक की यात्राओं में अमेरिका सबसे महंगा डेस्टिनेशन रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान अमेरिका की चार यात्राएं की हैं, जिन पर कुल 74.44 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसके बाद अन्य बड़े खर्च वाले देशों में फ्रांस और जापान शामिल है. जहां मोदी ने फ्रांस की 3 यात्राएं की, जिसका खर्चा 41.29 करोड़ रुपये आया. वहीं, जापान की तीन यात्राओं के लिए 32.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए. यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत की रणनीतिक विदेश नीति में इन देशों का विशेष महत्व है.
सवाल किसने पूछा और क्यों?
यह जानकारी टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन के संसद में पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में सामने आई है. विपक्ष लगातार सरकार से पूछता रहा है कि इन यात्राओं से आम जनता को क्या लाभ हो रहा है, और क्या इन पर होने वाला खर्च न्यायसंगत है प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राएं भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति का अहम हिस्सा हैं. परंतु इन पर होने वाले खर्च को लेकर राजनीतिक बहस लगातार जारी है. विदेश मंत्रालय द्वारा शेयर की गई ये जानकारी इस बहस को और तेज कर सकती है, क्योंकि अब आंकड़े सार्वजनिक हैं, और हर पक्ष के पास अपनी बात रखने के लिए ठोस आधार भी.