आपातकाल से अमरनाथ तक... 10% कम तेल से भी जीती जा सकती है बड़ी लड़ाई, मन की बात में बोले पीएम मोदी- 10 Pointers
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के 123वें एपिसोड में योग, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा जैसे अहम मुद्दों पर बात की. उन्होंने '10% तेल कम करो, मोटापा घटाओ' का संदेश दिया और आपातकाल के दौर को याद कर संविधान की रक्षा का संकल्प दोहराया. WHO और ILO ने भारत की उपलब्धियों की प्रशंसा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें संस्करण में देशवासियों से संवाद किया. इस बार का संबोधन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की चर्चा से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कश्मीर से लेकर तेलंगाना तक योग के बारे में जिक्र किया. उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांगजनों और सुरक्षाबलों के बीच योग की लोकप्रियता को सराहा. इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और सेवा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए अमरनाथ यात्रा (3 जुलाई से) और जगन्नाथ रथ यात्रा का उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री ने जन-स्वास्थ्य से जुड़ा नया मंत्र भी देश को दिया, उन्होंने कहा कि “खाने में 10% तेल कम करो, मोटापा घटाओ.” उन्होंने कहा कि फिटनेस से ही सामर्थ्य का विस्तार संभव है और स्वस्थ नागरिक ही सुपरहिट जीवन जी सकते हैं. पीएम का यह संदेश न केवल स्वास्थ्य के प्रति सजगता का प्रतीक है बल्कि आत्म-नियंत्रण और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर देता है.
मन की बात की 10 बड़ी बातें
- योग का विस्तार: पीएम मोदी ने योग दिवस को वैश्विक उत्सव बताते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक इसके आयोजन को गर्व की बात बताया.
- तीर्थ यात्रियों को शुभकामनाएं: उन्होंने अमरनाथ और जगन्नाथ यात्राओं का विशेष उल्लेख करते हुए यात्रियों और सेवा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दीं.
- स्वस्थ भारत का मंत्र: "10% तेल कम, मोटापा कम" जैसे सुझाव देकर पीएम ने स्वास्थ्य जागरूकता को जन-आंदोलन बनाने की अपील की.
- ट्रैकोमा पर जीत: भारत को ट्रैकोमा मुक्त घोषित करने पर WHO और ILO ने तारीफ की। भारत ने न केवल बीमारी का इलाज किया, बल्कि उसके कारणों को भी समाप्त किया.
- सामाजिक सुरक्षा में बढ़त: ILO की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब 64% लोगों को सामाजिक योजनाओं का लाभ मिल रहा है, जो पहले बहुत कम था.
- आपातकाल की याद: पीएम मोदी ने इमरजेंसी की निंदा करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र पर हमला था और संविधान की रक्षा के लिए हर पीढ़ी को सजग रहना चाहिए.
- बोरोलैंड की नई पहचान: संघर्ष से पहचान तक – बोरोलैंड के हजारों युवाओं की फुटबॉल टीमों की भागीदारी को सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक बताया.
- मेघालय की ऐरी सिल्क: उन्होंने ऐरी सिल्क की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि पारंपरिक हुनर को भी जीवित रखता है.
- स्थानीय उत्पादों का समर्थन: पीएम ने ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए ऐरी सिल्क, कलबुर्गी की रोटी और महिला उद्यमियों की सफलता का जिक्र किया.
- ऑपरेशन सिंदूर और वन-संरक्षण: अहमदाबाद के सिंदूर वन को वीरों को समर्पित कर सराहना की और पुणे के पर्यावरण सेवियों की प्रशंसा की जो जंगलों में पेड़ लगाते हैं.