लोग पुण्य कमाने आए थे और ले गए अपनों के शव... मैं इस्तीफा दे दूंगा; महाकुंभ भगदड़ पर सदन में अखिलेश
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई थी, जबकि विपक्ष का दावा है कि कई शवों को गंगा में बहा दिया गया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्ताधारी दल पर तीखा हमला किया और कई आरोप लगाए.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई थी, जबकि विपक्ष का दावा है कि कई शवों को गंगा में बहा दिया गया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सत्ताधारी दल पर तीखा हमला किया और कई आरोप लगाए.
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि उनकी बात गलत साबित होती है तो वह तुरंत इस्तीफा दे देंगे. इस दौरान उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे दो मिनट का मौन व्रत रखें ताकि मृतकों की आत्मा को शांति मिले.
न जानें कितनी चप्पल पड़ी थी
महाकुंभ में भगदड़ को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला और सच छिपाने वालों को सजा देने की मांग की. उन्होंने भगदड़ में हुई मौतों की संख्या पर स्पष्ट जानकारी न देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की. अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में संत समाज और श्रद्धालुओं का प्रशासन पर विश्वास बहाल करने के लिए आयोजन की पूरी जिम्मेदारी 'सेना को सौंप दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "महाकुंभ का प्रबंधन अब उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन के बजाय सेना को सौंप दिया जाए, ताकि उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो सकें.'
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 'सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दें. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए.'' महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.
सदन में अखिलेश यादव ने आगे कहा कि 'महाकुंभ दुर्घटना में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाओं, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए उन लोगों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए और जिम्मेदारों और सच्चाई छुपाने वालों को सजा मिलनी चाहिए. हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई अपराध नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?'