Pahalgam Attack Side Effect: BRICS बैठक में भारत के विदेश मंत्री- NSA हिस्सा नहीं लेंगे, वजह पहलगाम अटैक
Pahalgam Attack Side Effect: पहलगाम हमले के बाद भारत के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) 30 अप्रैल को होने वाली BRICS बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. इस फैसले का कारण सुरक्षा चिंताएं और हालिया हमले का असर है. यदि वे बैठक में शामिल नहीं होते, तो उनकी जगह उनके प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

दस देशों के अंतर-सरकारी संगठन ब्रिक्स (BRICS) की अहम बैठक आगामी 30 अप्रैल को आहूत की गई है. यह अहम बैठक संगठन के सदस्य देश ब्राजील (Brazil) में बुलाई गई है. संगठन के प्रमुख सदस्यों में शामिल भारत को भी इसमें शामिल होना जरूरी है. बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी, एनएसए अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) का जाना तय था. पहलगाम में 22 अप्रैल (बीते मंगलवार) को हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बेहद तल्ख हो चुके रिश्तों के चलते, भारत की यह दोनो ही महत्वपूर्ण शख्शियतें बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगी. विदेश मंत्री और एनएसए की अनुपस्थिति में अब भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय ब्रिक्स शेरपा बैठक में पहुंचेंगे.
बताना जरूरी है कि बीते मंगलवार को (22 अप्रैल 2025) जम्मू कश्मीर घाटी के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में मौजूद पर्यटन स्थल बैसारन घाटी (Baisaran Valley Terror Attack) में आतंकवादियों ने दिन-दहाड़े हमला बोल दिया था. स्वचालित हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उस नरसंहार में, 26 निहत्थे-निर्दोष पर्यटकों और पर्यटन स्थल पर काम करने वाले कुछ लोगों को मार डाला था. हमले की जिम्मेदारी घटना वाले दिन ही पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani Terrorist) गुट लश्कर ए तैयबा के मुखौटा गैंग- द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ (The Resistance Front TRF) ने ली थी. हालांकि जब भारत की आंखों में गुस्से की लालामी पाकिस्तान ने देखी तो उसकी हालत पतली हो गई.
इतनी जल्दी डर गया TRF!
लिहाजा पाकिस्तान और लश्कर ए तैयबा के इशारे पर टीआरएफ चार-पांच दिन बाद ही, यानी 26 अप्रैल 2025 को उस हमले में अपना हाथ होने की बात से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं भारत से खौफजदा पाकिस्तान के इशारे पर टीआरएफ ने यहां तक फर्जी दावा कर डाला कि, पहलगाम में हुए आतंकवादी (Pahalgam Attack) हमले वाले दिन ही हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने नहीं ली थी. टीआरएफ की अधिकृत वेबसाइट में भारतीय एजेंसियों ने सेंध लगाकर, खुद ही टीआरएफ की तरफ से हमले की जिम्मेदारी वाली पोस्ट डाल दी थी.
विदेश मंत्री और NSA ने क्यों बनाई BRICS सम्मेलन से दूरी?
खबरों के मुताबिक 30 अप्रैल 2025 को ब्राजील में होने वाली इस अहम बैठक में सभी सदस्य देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं. अब सिवाय भारत को छोड़कर. हमारे विदेश मंत्री और एनएसए की अनुपस्थिति में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ही ब्रिक्स शेरपा ब्राजील पहुंचेंगे. बताना जरूरी है कि बैठक का प्रमुख उद्देश्य आगामी जुलाई महीने में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन के लिए तैयारियों पर विचार करना है. बैठक में क्रॉस बॉर्डर पेमेंट इनीशियेटिव, मल्टीलेटरल संस्थानों में सुधार, AI, क्लाइमेट फाइनेंस में सुधार-सहूलियतों पर चर्चा होना प्रमुख विषय होगा.
BRICS में सदस्य कौन- कौन?
यहां बताना जरूरी है कि ब्रिक्स (BRICS) एक अंतर-सरकारी संगठन. इसमें मुख्य रूप से उभरती अर्थ-व्यवस्था वाले देश शामिल हैं. यह संगठन आर्थिक, सांस्कृति और राजनीतिक क्षेत्रों सहित बाकी अन्य तमाम अहम क्षेत्रों में भी, सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक मजबूत पुल की मानिंद तैयार किया गया है. ब्राजील(Brazil) चीन (China), रूस (Russia), इंडोनेशिया (Indonesia), दक्षिण अफ्रीका (South Africa), मिस्र (Egypt), भारत (India), इथियोपिया (Ethiopia), संयुक्त अरब अमीरात (UAD), ईरान (Iran) देश फिलहाल इसके प्रमुख सदस्य हैं.