'इश्क का जाल', ऑनलाइन मोहब्बत ने छीन ली वर्दी! CRPF जवान ने छुपाई पाकिस्तानी बेगम की सच्चाई
CRPF के जवान मुनीर अहमद को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की नागरिक मीनल खान से अपनी शादी छुपाई और उसकी वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद भारत में रहने में मदद की. जांच में पाया गया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. बर्खास्तगी पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच हुई है.

जम्मू-कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मुनिर अहमद को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, आरोप है कि उन्होंने न केवल अपनी पाकिस्तान निवासी पत्नी से शादी छुपाई, बल्कि उसके वीज़ा खत्म होने के बावजूद उसे भारत में रहने में मदद भी की. जांच में यह गंभीर चूक साबित होने के बाद यह कड़ी कार्रवाई की गई.
ऑनलाइन मोहब्बत से बना रिश्ता
मुनिर अहमद ने पाकिस्तान के पंजाब की मीनल खान से मई 2024 में ऑनलाइन निकाह किया था. दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए हुई थी और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई. मीनल खान मार्च 2025 में वीज़ा लेकर भारत आई थी, लेकिन उसका अल्पकालिक वीज़ा 22 मार्च को खत्म हो गया. इसके बावजूद वह भारत में रुकी रही, जबकि उसके वकील का दावा था कि लंबी अवधि के वीज़ा के लिए आवेदन किया गया था.
पुलवामा जैसे हमले के बाद मामला गंभीर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा 26 नागरिकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए. इसी दौरान, सुरक्षा एजेंसियों की नजर मुनिर अहमद और उसकी पत्नी पर गई. मीनल खान को भारत छोड़ने का नोटिस भी भेजा गया, लेकिन जब वह अटारी-वाघा सीमा तक पहुंच गई थी, तब कोर्ट से उसे भारत में रुकने की अंतरिम राहत मिल गई.
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया
CRPF की जांच में सामने आया कि मुनिर अहमद ने न केवल शादी की जानकारी छुपाई, बल्कि पत्नी के अवैध ठहराव की बात भी नहीं बताई. इसे सेवा नियमों का उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हुए उसकी बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले ने सुरक्षाबलों में आंतरिक सतर्कता बढ़ाने की जरूरत को फिर से उजागर कर दिया है.
वीज़ा रद्द, बॉर्डर सील और कूटनीतिक फैसले
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं- पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द करना, दूतावासों की ताकत घटाना, सीमा और हवाई मार्ग बंद करना, व्यापार रोकना और सिंधु जल संधि को फ्रीज़ करने जैसे कड़े फैसले लिए गए हैं. ऐसे माहौल में इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त न करने का स्पष्ट संदेश दिया गया है.