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अब सरोगेसी मां को भी मैटरनिटी लीव, महिला कर्मचारियों को इस राज्य सरकार का बड़ा तोहफा

ओडिशा सरकार ने सेरोगेसी से मां बनने वाली महिला कर्मचारियों को 180 दिनों की मैटरनिटी लीव देने की घोषणा की है. वहीं पुरुष कर्मचारियों को 15 दिनों का पैटरनिटी लीव देगी. यह पॉलिसी तब तक लागू रहेगी, जब तक कर्मचारी के दो से कम जीवित बच्चे हों. अगर वह राज्य की सरकारी कर्मचारी है तो वह भी इसकी हकदार होगी.

अब सरोगेसी मां को भी मैटरनिटी लीव, महिला कर्मचारियों को इस राज्य सरकार का बड़ा तोहफा
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निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 27 Sept 2024 7:15 PM IST

Surrogacy Maternity Leave: ओडिशा की सरकार ने महिलाओं कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला किया है. अब राज्य में सेरोगेसी से मां बनने वाली महिला कर्मचारियों को भी मैटरनिटी लीव मिलेगी. उन्हें 180 दिनों के लिए लीव दी जाएगी.

नई पॉलिसी के मुताबिक ओडिशा सरकार महिला कर्मचारियों को 180 दिन की मैटरनिटी लीव और पुरुष कर्मचारियों को 15 दिनों का पैटरनिटी लीव देगी. यह पॉलिसी तब तक लागू रहेगी, जब तक कर्मचारी के दो से कम जीवित बच्चे हों. अगर वह राज्य की सरकारी कर्मचारी है तो वह भी इसकी हकदार होगी.

क्या है लीव की शर्तें

नई पॉलिसी के अनुसार पुरुष कर्मचारी, जिन्हें सरोगेसी के जरिए बच्चा होगा वे 15 दिन तक पैटरनिटी लीव ले सकते हैं. इसे बच्चे के जन्म के छह महीने के अंदर ली जा सकती है. ओडिशा सरकार के इस कदम से केंद्र सरकार की नीतियों के जैसा है. केंद्र सरकार के कर्मचारी सरोगेसी के मामलों में एक जैसे मैटरनिटी और पैटरनिटी लीव का फायदा उठा सकेंगे. इसके लिए सरोगेसी समझौता और डॉक्टर रिकॉर्ड जरूरी है.

दो महीने बाद लिया फैसला

उड़ीसा सरकार के वित्त सेवा में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने एक याचिका दायर की थी. उसने सेरोगेट मां के साथ कमीशनिंग माता-पिता के रूप में अपने पति के साथ सोरेगेसी समझौता किया था. सेरोगेट मां ने जुलाई 2018 में एक बच्चे को जन्म दिया. उसके घर में बच्चे की देखभाल के लिए कोई नहीं था इसलिए उसने अवकाश के लिए आवेदन किया. फिर उसे 140 दिनों का अवकाश दिया गया. छुट्टी के बाद महिला ने कार्यभार संभाला. सरकार के अवर सचिव ने सूचित किया कि याचिकाकर्ता की पूरी छुट्टी अवधि यानी 25-10-2018 से 09-09-2019 तक मौजूदा छुट्टी नियमों के संदर्भ में जांच की जा सकती है.

कोर्ट पहुंचा मामला

इसके बाद कोर्ट में यह मामला पहुंचा कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन में मातृत्व का अधिकार और प्रत्येक बच्चे के पूर्व विकास का अधिकार शामिल हैं. इसलिए सरकार सेरोगेट मदर्स को अवकाश दे सकती है. इसके बाद सकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है और महिला कर्मचारियों को 180 दिन की मैटरनिटी लीव देने की घोषणा की.

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