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'Respect' की ये कैसी सनक? स्कूल में प्रार्थना के बाद बच्चों ने नहीं छुए मैडम जी के पैर, तो मिली तालिबानी सजा और फिर...

Odisha News: मयूरभंज जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रार्थना के बाद छात्रों ने टीचर का पैर नहीं छुए तो टीचर ने बच्चों को डंडों से मारा. घटना की जानकारी मिलते ही माता-पिता स्कूल पहुंचे और विरोध शुरू कर दिया. उन्होंने आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. ओडिशा शिक्षा विभाग ने घटना की जांच की और दोषी पाए जाने पर महिला टीचर को निलंबित कर दिया

Respect की ये कैसी सनक? स्कूल में प्रार्थना के बाद बच्चों ने नहीं छुए मैडम जी के पैर, तो मिली तालिबानी सजा और फिर...
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( Image Source:  meta ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 16 Sept 2025 11:06 AM

Odisha News: ओडिशा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने स्कूल में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. दरअसल मयूरभंज जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रार्थना के बाद छात्रों ने टीचर का पैर नहीं छुए तो उन्हें तालिबानी सजा दी गई. ओडिशा शिक्षा विभाग ने घटना की जांच की और दोषी पाए जाने पर महिला टीचर को निलंबित कर दिया गया.

स्कूल में सुबह की प्रार्थना के बाद 31 छात्रों बेरहमी से पीटा गया. उन सभी ने प्रार्थना के बाद टीचर को प्रणाम नहीं किया था. बच्चों को बांस की लाठी से पीटा. यह घटना प्रतिमादेईपुर के बेतनोती ब्लॉक क्लस्टर की है. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है.

क्या है मामला?

शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूल में स्टूडेंट्स को शारीरिक दंड देने के मामले में शिक्षिका सुकांति कर को दोषी पाया और निलंबित कर दिया. घटना गुरुवार को बैसिंगा पुलिस इलाके खंडादेउला सरकारी स्कूल में हुई. जानकारी के अनुसार, एक लड़के की बाजू में हड्डी टूट गई और एक लड़की बेहोश हो गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. प्रशासन का कहना है कि स्कूलों में शारीरिक दंड (corporal punishment) प्रतिबंध है और ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.

पैर छूकर सम्मान

अधिकारियों ने बताया कि स्टूडेंट्स हमेशा प्रार्थना के बाद शिक्षकों के पैर छूकर उनका सम्मान करते हैं. लेकिन गुरुवार को सुकांति कर वहां प्रार्थना खत्म होने के बाद पहुंची तो किसी ने उनका पैर नहीं छुए. इसी बात से वह नाराज हो गईं. फिर गुस्से में उन्होंने छात्रों की पिटाई कर दी.

घटना की जानकारी मिलते ही माता-पिता स्कूल पहुंचे और विरोध शुरू कर दिया. उन्होंने आरोपी टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बता दें कि ओडिशा सरकार ने 2004 से सभी शैक्षणिक संस्थानों में शारीरिक दंड पर प्रतिबंध लगा रखा है.

बच्चों की आंखों पर चिपकाया गोंद

इससे पहले ओडिशा के कंधमाल में एक हॉस्टल में बच्चों की शरारत देखने को मिली. कुछ बदमाश बच्चों ने 8 छात्रों की आंखों पर सोते वक्त गोंद लगा दिया था. इससे उनकी पलकें चिपक गईं और खुल भी नहीं पा रही थी. बाद में सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस मामले में भी स्कूल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली. क्योंकि वह बच्चों हरकत में सुधार के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठा रहे थे.

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