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अब 10 साल के छोटे बच्चों का भी होगा सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट, RBI ने बैंकों को दिया निर्देश

RBI News: आरबीआई ने कमर्शियल और सहकारी बैंकों को जारी एक पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा कि किसी भी आयु के नाबालिग अपने जैविक या कानूनी अभिभावक के जरिए बचत या सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं और उसका संचालन कर सकते हैं. इसमें बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए अमाउंट और शर्त तय कर सकते हैं. हालांकि इस बारे में नियम और शर्तें निर्धारित की जाएंगे.

अब 10 साल के छोटे बच्चों का भी होगा सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट, RBI ने बैंकों को दिया निर्देश
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( Image Source:  META AI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 27 Nov 2025 5:50 PM IST

RBI News: भारत रिजर्व बैंक ग्राहकों के लिए समय-समय लेन-देन से जुड़े अहम फैसले लेता है, जिससे किसी भी नागरिक को बैंक जाने पर किसी समस्या का सामना न करना पड़े. अब आरबीआई ने बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है. अब देश में 10 साल से ज्यादा उम्र के नाबालिग बच्चों को भी सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट ओपन करवाने और उसे संचालित करने की अनुमति होगी.

आरबीआई में इस संबंध में बैंकों को बच्चों का खाता खोलने और संशोधन के निर्देश दिए हैं. वर्तमान में नाबालिग बच्चों का अकाउंट माता-पिता के साथ ज्वॉइंट होता था और वह 18 साल के होने का बाद उसे अपना नाम पर करा पाते हैं. केंद्रीय बैंक के इस फैसले से पैसों की सेविंग और बेहतर तरीके से होगी.

बच्चों का भी होगा अपना सेविंग अकाउंट

आरबीआई ने कमर्शियल और सहकारी बैंकों को जारी एक पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा कि किसी भी आयु के नाबालिग अपने जैविक या कानूनी अभिभावक के जरिए बचत या सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं और उसका संचालन कर सकते हैं. नाबालिगों को अपनी मां को अभिभावक के रूप में नामित करके भी ऐसे खाते खोलने की अनुमति दी गई है.

कम से कम 10 साल के बच्चे और उससे ज्यादा के नाबालिगों को उनकी मर्जी से स्वतंत्र अकाउंट खोलने की अनुमति दी जा सकती है. इसमें बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए अमाउंट और शर्त तय कर सकते हैं. हालांकि इस बारे में नियम और शर्तें निर्धारित की जाएंगे. बैंकों को उसकी जानकारी अकाउंट होल्डर को देनी होगी.

ATM और चेक बुक भी मिलेगा

बैंकों को नाबालिग खाताधारकों के साइन, संचालन के निर्देश और उनके अकाउंट की सभी डिटेल्स को सुरक्षित रखना जरूरी है, जिससे जब वो बालिग हो तो उन्हें जानकारी दी जा सके. बैंक अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी, उत्पाद और ग्राहकों के आधार पर नाबालिग अकाउंट को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/ डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा समेत अन्य सुविधाएं का भी स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं.

कितना रखा होगा मिनिमम बैलेंस

जानकारी के अनुसार, बैंकों को यह देखना होगा कि बच्चों के अकाउंट, वो स्वतंत्र हो या ज्वाइंट उसके अकाउंट में ज्यादा निकासी न हो और हमेशा कुछ पैसे अकाउंट में रहें. इसके अलावा बैंक नाबालिगों के सेविंग अकाउंट खोलने के लिए जांच करे और समय-समय पर जांच होती रहेगी. 1 जुलाई, 2025 तक इस संबंध में उचित नीति बनाने के बैंकों को निर्देश दिए गए हैं.

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