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बॉयफ्रेंड के साथ होने को लेकर लड़की को दोषी नहीं ठहरा सकते, यौन उत्पीड़न मामले पर बोला HC

चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में कैंपस में एक छात्र की यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. इसी मामले पर 27 दिसंबर को मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि ऐसी घटना के दौरान किसी भी लड़की को ये कहकर दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि घटना के समय वह अपने दोस्त या फिर बॉयफ्रेंड के साथ थी.

बॉयफ्रेंड के साथ होने को लेकर लड़की को दोषी नहीं ठहरा सकते, यौन उत्पीड़न मामले पर बोला HC
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सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 28 Dec 2024 12:44 PM IST

चेन्नई के अन्ना यूनिवर्सिटी कैंपस में हाल ही में एक छात्रा के साथ हुए यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार ये घटवा 23 दिसंबर को घटी. जिसके बाद मामला कोर्ट जा पहुंचा. वहीं जिस समय ये घटना हुई उस दौरान छात्रा के साथ उसका दोस्त भी था. पुलिस ने कार्रवाई की और एक शख्स को गिरफ्तार किया. इसी मामले पर 27 दिसंबर शुक्रवार को मद्रास हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसपर हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाया है.

दरअसल पीड़िता को इस बात को लेकर दोषी ठहराया जा रहा था कि जिस समय ये घटना घटी उस दौरान वो अपने मेल फ्रेंड के साथ थी. छात्रा की इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस घटना के कारण किसी भी लड़की को उसके बॉयफ्रेंड के साथ बैठने के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. यह उसका निजी अधिकार है.

कोई नहीं कह सकता ये बात

हाईकोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी या फिर कोई व्यक्ति ये नहीं कह सकता कि रात के समय में लड़कियां बाहर सफर नहीं कर सकती या फिर किसी लड़के साथ बात नहीं कर सकती. ऐसा करने का उनका अधिकार है. अदालत ने पीड़िता को इस मामले में आगे आकर खुलकर बात करने के लिए सराहया. अदलात ने इस दौरान FIR लीक होने पर पुलिस को भी फटकार लगाई.

पीड़िता और उसके परिवार के लिए कौन जिम्मेदार है?

दरअसल इस मामले में FIR लीक होने की भी जानकारी सामने आई. जिसे लेकर कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और कहा कि 'आपके हाथों FIR लीक हो गई है, आपको इस तरह से FIR दर्ज करनी चाहिए थी जिससे जानकारी लीक न हो. ये आप ही बताएं कि अब पीड़िता और उसके परिवार के लिए जिम्मदार कौन होगा? अदालत ने इस दौरान राज्य सरकार को भी FIR लीक होने पर जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि गर एफआईआर अपलोड भी हो जाती है, तो विवरण छिपाए जाने चाहिए. " इसी के साथ कैंपस की व्यवस्था को लेकर भी कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई.

70 में से 56 कैमरे नहीं कर रहे काम?

जिस दौरान ये घटना हुई उस समय कैंपस परिसर में लगे 70 कैमरों में से 56 कैमरे काम नहीं कर रहे थे. इसे लेकर अदालत ने छात्रों की सुरक्षा पर सवाल उठाए और यूनिवर्सिटी से पूछा कि आखिर आप कर क्या रहे हैं? किस तरह आप छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं? कैंपस परिसर में 70 कैमरे लगे हुए हैं. उनमें से 56 कैमरे काम नहीं कर रहे. हालांकि अदालत ने इस पर यूविर्सिटी से रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

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